मुहावरे व् लोकोक्तियाँ क्या होते हैं व् इनका उपयोग कैसे होता है
मुहावरे व् लोकोक्तियाँ क्या होते हैं |
मुहावरे एवं लोकोक्तियाँ (Idioms and proverbs in hindi)
“जब कोई पद-समूह (जो वाक्य नहीं है) वाक्य
में इस प्रकार प्रयुक्त हो कि अपने वाच्यार्थ को छोड़कर कोई विलक्षण अर्थ प्रकट करे
तब ऐसे प्रयोग को और इस प्रकार प्रयुक्त पद-समूह को ‘मुहावरा’ कहते हैं |”
मुहावरा, सदैव लक्षणा शक्ति से अपने अर्थ को अभिव्यक्त करता है | इसके प्रयोग
से भाषा सबल, सहज, सटीक और प्रवाहपूर्ण हो जाती है | इतना ही नहीं, इसके प्रयोग से शैली भी चमत्कारपूर्ण
हो जाती है | हम जानते हैं कि संक्षिप्तता शैली का एक प्रधान गुण है | मुहावरों
में थोड़े-से शब्दों में बहुत अधिक भाव गुंफित रहते हैं | अत:, इनसे भाषा जीवंत और
रोचक हो जाती है | यही कारण है कि अयोध्या सिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’ की कवितायेँ बहुत ही लोकप्रिय और गेय
हो सकी है | नीचे देखें कुछ ऐसी ही पंक्तियाँ :
“मैं झिझक उठा, हुआ बेचैन-सा,
लाल होकर आँख भी दुखने लगी |
मूँठ देने लोग कपड़े की लगे,
ऐंठ बेचारी दबे पांवों भगी |” (हरिऔध)
x x x
वे लोहा पीट रहे हैं
तुम मन को पीट रहे हो
वे पत्तर जोड़ रहे हैं,
तुम सपने जोड़ रहे हो ! (नागार्जुन)
x x x
दाढ़ी में तिनका बता, देखें सबकी ओर
झाड़ रहा दाढ़ी वाही, जो था असली चोर | (काका हाथरसी)
मुहावरे
के प्रयोग में निम्नलिखित सावधानियां बरतनी चाहिए :
1. मुहावरे
वाक्यों में ही शोभते हैं, अलग नहीं | जैसे – यदि कहें ‘कान काटना’ तो इसका कोई अर्थ व्यंजित नहीं होता; किन्तु यदि ऐसा कहा जाए – ‘वह छोटा
बच्चा तो बड़े-बड़ों के कान काटता है’ तो वाक्य में अद्भुत लाक्षणिकता, लालित्य और प्रवाह स्वत: आ जाता है |
2. मुहावरे
का प्रयोग उनके असली रूपों में ही करना चाहिए | उनके शब्द बदले नहीं जाते हैं |
उनके पद-समूहों में रूप-भेद करने से उसकी लाक्षणिकता और विलक्षणता नष्ट हो जाती है
| जैसे – ‘नौ-दो ग्यारह होना’ की जगह ‘आठ तीन ग्यारह होना’ | सर्वथा अनुचित है |
3. मुहावरे
का एक विलक्षण अर्थ होता है | इसमें वाच्यार्थ का कोई स्थान नहीं होता | जैसे –
‘उलटी गंगा बहाना’ का जब वाक्य-प्रयोग होगा, तब इसका अर्थ होगा – ‘रीति-रिवाज के
खिलाफ काम करना’ |
4.
मुहावरे का प्रयोग प्रसंग के अनुसार होता है और उसके अर्थ की प्रतीति भी
प्रसंगानुसार ही होती है | जैसे – अमेरिका की नीति को सभी विकासशील राष्ट्र धोखे
और अविश्वास की मानते हैं | यदि ऐसा कहा जाए – ‘पाकिस्तान अपना उल्लू सीधा करने के
लिए अमेरिका की आरती उतारता है’ – तो यहाँ न तो टेढ़े उल्लू को सीधा करने की बात है, न ही, दीप जलाकर किसी की आरती उतारने की | यहाँ दोनों की प्रकृति से अर्थ
निकलता है – ‘मतलब निकालना और ‘खुशामद करना’ |
अतएव, मुहावरे का प्रयोग करते समय इस बात का सदैव ख्याल रखना चाहिए कि
समुचित परिस्थिति, पात्र, घटना और प्रसंग का वाक्य में उल्लेख अवश्य हो | केवल वाक्य-प्रयोग
कर देने पर सन्दर्भ के अभाव में मुहावरे अपने अर्थ को अभिव्यक्त नहीं कर सकते हैं
|
नीचे
लिखे उदाहरणों पर ध्यान दें –
1. शेर
को देखते ही हिरण नौ दो ग्यारह हो गया |
व्याख्या : शेर, हिरण का शिकार करता है; क्योंकि वह शेर का भक्ष्य है | कोई
जीव जान-बूझकर मरना नहीं चाहता | अतएव, शेर को देखकर हिरण अपनी जान बचाने के लिए भागेगा ही | ‘नौ दो ग्यारह
होना’ का अर्थ व्यंजित हुआ – ‘भाग जाना’ |
2.
पुलिस को देख चोर नौ दो ग्यारह हो गया |
व्याख्या : पुलिस कानून का रक्षक है और चोर
गैरकानूनी और असामाजिक काम करनेवाला, इसलिए पुलिस के सामने चोर रहना नहीं चाहेगा; वह भागेगा ही |
यदि सीधे ऐसा वाक्य बनाया जाए – ‘हिरण नौ दो
ग्यारह हो गया’ या ‘चोर नौ दो ग्यारह हो गया’ – तो मुहावरे का अर्थ बिल्कुल स्पष्ट
नहीं हो पाएगा |
हिंदी मुहावरों का सीधा संबंध अधिकाँश शरीर
के विभिन्न अंगों से है | कारण यह है कि हमारे सारे काम प्राय: इन्हीं के माध्यम
से हुआ करते हैं | यहाँ हम कुछ मुहावरों के अर्थ और वाक्य-प्रयोग के नमूने दे रहे
हैं, शेष मुहावरों के सामने उनके अर्थ लिख
दिए गए हैं, छात्र स्वयं उनका वाक्य-प्रयोग करें :
आँखों
का तारा होना – बहुत प्यारा होना
1. उसके
एक ही बेटा था, उसकी आँखों का तारा |
2.
हर औलाद अपने माता-पिता की आँखों का तारा होती है |
3.
अर्जुन गुरु द्रोण की आँखों का तारा था |
4.
भारतीय सैनिक अपने देश को आँखों का तारा समझते हैं |
5.
महेंद्र सिंह ‘धोनी’
भारतीय क्रिकेट टीम के लिए आँख का तारा है |
6.
वह अपनी माँ के लिए आँख का तारा है, तभी तो उसकी पलभर की अनुपस्थिति भी माँ को बेचैन कर देती है |
7.
सांझ के रंगीन बादल और उन्हें स्पर्श करते बगुलों के झुण्ड आँखों के तारे लगते हैं
|
8.
शिकायत करना व्यर्थ है, वह
अपने पिता की आँख का तारा है |
मुंहतोड़
जवाब देना – निरूत्तर कर देना
1. अब
मुंहतोड़ जबाव दे ही दो,
नहीं तो वह पीछा नहीं छोड़ेगा |
2.
इस छोटे-से लड़के ने ऐसा मुंहतोड़ जवाब दिया कि बड़े लोग भी दंग रह गए |
3.
तुम्हें इस तरह का मुंहतोड़ जवाब नहीं देना चाहिए था; आखिर उनहोंने ही तुम्हें पाल-पोसकर इतना बड़ा किया है |
4.
पाकिस्तान ने यदि फिर जंग छेड़ी तो ऐसा मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा कि उसकी हेकड़ी गुम
हो जाएगी |
5.
ओसामा बिन लादेन ने अमेरिका को मुंहतोड़ जवाब देकर बता दिया कि केवल वही दादा नहीं
है |
6.
अपने बूढ़े माँ-बाप को इस तरह क्यों मुंहतोड़ जवाब दे रहे हो भाई, देखो तो उनकी आँखे अब तक बरस रही हैं
|
7.
अच्छा हुआ, जो तुमने वक्त रहते मुझे मुंहतोड़ जवाब
दे दिया; मैं व्यर्थ ही तुमसे उम्मीद बांधे था
|
8.
क्या हुआ, उसने मुंहतोड़ जवाब दे दिया तो ? are वह भी इंसान ही तो है, कोई फरिश्ता नहीं कि उससे गलती ही
नहीं होगी |
9.
अब मैं इस घर में कदापि नहीं रहूँगा | कल तक मैं सब कुछ था, अब छोटे लोग भी मुंहतोड़ जवाब देने लगे
हैं |
रूई
की तरह धुन देना – खूब मारना-पीटना
1. इस
चोर को तो लोगों ने रूई की तरह धुन दिया |
2.
पुलिस ने उस आतंकी को रूई की तरह धुनकर फिर हवालात में बंद कर दिया |
3.
टूटी दीवार को देखते ही काँजीहौस के कर्मचारियों ने हीरा और मोती को रूई की तरह
धुन दिया |
4. इस
बार छोड़ रहा हूँ | अब कभी इस इलाके में नजर आये तो रूई की तरह धुन दूंगा |
5.
बिलकुल गलत | यदि इन लोगों ने उसे रूई की तरह धूना होता तो वह इतनी दूर पैदल चलकर
शिकायत करने नहीं आता |
6.
यह समय-समय की बात है | कल तक वह रूई की तरह धुना रहा था, आज वह खुद दूसरों को धून रहा है |
7.
वह शिक्षक है या कसाई ? भला मासूम बच्चों को रूई की तरह धुना जाता है |
8.
तुम कहो तो मैं उसे इस तरह धुन दूँ, जिस तरह धुनिया रूई को धूनता है |
9.
संस्कारी बच्चे बूढ़े माता-पिता की दिन-रात सेवा करते हैं और कुसंस्कारी उन्हें रूई
की तरह धूना |
पानी-पानी
होना – बहुत लज्जित होना
1. भरी
सभा में पोल खुल जाने से मुखिया जी पानी-पानी हो गए |
2.
आज पूरा मोहल्ला इनकी असलियत जान गया है, तभी तो ये बेचारे पानी-पानी हो रहे हैं |
3.
इसमें पानी-पानी होने की क्या जरूरत है ? इस उम्र में ऐसी गलतियाँ हो ही जाती है |
4.
तुम कुछ भी कहो, वह आज सबके सामने उन्हें पानी-पानी
करके छोड़ेगा |
5. बात
में जरूर दम है, तभी तो वह व्यक्ति आज मेरे सामने
पानी-पानी है |
6.
सबों के सामने पानी-पानी कर देना ही उसके लिए बड़ी सजा होगी |
7.
किसकी मजाल है जो तुम्हें सबके सामने पानी-पानी कर दे ? मैं हूँ न |
8.
वह पानी-पानी हो चुका है, अब उसे और मत कुरेदो |
9.
मेरा दावा है कि वह बगुला भगत तेरी इस बात से आज जरुर पानी-पानी हो जाएगा |
10.
अब वह कभी नहीं शान बघारेगा, पानी-पानी हो चुका है |
पापड़
बेलना – बहुत कष्ट झेलना
1. तुम्हारे
साथ रहकर मैंने बहुत पापड़ बेले, अब इस चक्कर में पड़ने का नहीं |
2.
पूंजीवादी व्यवस्था में मजदूरों को पापड़ बेलना ही होगा, इसके अलावा कोई चारा नहीं |
3.
ओ मजदूरों ! तुम कब तक इस तरह पापड़ बेलते रहोगे ? उठो, एक होओ और अपनी ताकत दिखाओ |
4.
बेचारा हलकू जीवनभर पापड़ बेलता रहा, कहाँ किसी ने उस पर ध्यान दिया |
5.
या तो विरोध करो या फिर जीवन भर पापड़ बेलते रहो |
6.
अनवरत पापड़ बेलनेवाला व्यक्ति अंदर-ही-अंदर टूटकर बिखर जाता है |
7.
मैंने भी अपने जीवन में कम पापड़ नहीं बेले हैं, भाई ! यह जो कुछ देख रहे हो, सब मेरी कमरतोड़ मेहनत का ही फल है |
8.
क्या करोगे भाई ! गरीबों का जन्म ही हुआ है जीवन भर पापड़ बेलने को |
9.
यह बात समझ में नहीं आती कि पापड़ बेलने से अनुभव का दूर-दूर तक कहीं नाता भी है |
#muhavare in hindi
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