कम्प्यूटर को कितने प्रकार में बांटा जाता है , जानें

 कम्प्यूटर के प्रकार 

"कम्प्यूटर को उनके आकार एवं कार्य पद्धति के आधार पर वर्गीकृत किया जाता है-"

 A. आकार पर आधारित वर्गीकरण (Micro Computer):- आकर के आधार पर कम्प्यूटर चार प्रकार के होते हैं | ये हैं - 

 1. माइक्रो कम्प्यूटर (Micro Computer):- 

ये वस्तुत: एक ही व्यक्ति द्वारा उपयोग में लाये जाने वाले कम्प्यूटर होते हैं जिसके कारण इस प्रकार के कम्प्यूटरों को प्राय: व्यक्तिगत कम्प्यूर या PC के नाम से भी पुकारा जाता है | ये एक छोटी मेज पर आ सकते हैं | ऑफिस , घरों या व्यवसायों में इस प्रकार के कम्प्यूटर का प्रयोग  किया जाता है | स्टोरेज क्षमता और आंकड़ों की बड़ी मात्रा का रख रखाव करने में अपनी सामर्थ्य के कारण आज इसका व्यापक पैमाने पर उपयोग हो रहा है

 2.मिनी कम्प्यूटर (Mini Computer):- 

इस प्रकार के कम्प्यूटर आकार तथा कार्यक्षमता की दृष्टि से छोटे होते हैं | इस प्रकार के कम्प्यूटर एक बड़ी मेज पर आ सकती हैं तथा इन पर एक साथ बीस -तीस टर्मिनल पर कार्य किया जा सकता है | यह माइक्रो कम्प्यूटर से लगभग 5 से 50 गुणा अधिक क्षमता वाला होता है|

 3.मेंन फ्रेम कम्प्यूटर (Main Frame Computer):- 

इस प्रकार के कम्प्यूटर बड़े आकार के होते हैं और इनका डिजाइन स्टील के फ्रेम में लगाकर किया जाता है | इस कम्प्यूटर की मेमोरी PC तथा मिनी कम्प्यूटर से अधिक होती है | इस प्रकार के कम्प्यूटरों पर समय सहभागिता (Time Sharing) तथा बहुकार्य क्षमता (multi tasking) के द्वारा एक साथ अनेक व्यक्ति , कभी कभी 100 से अधिक व्यक्ति अलग अलग टर्मिनलों पर कार्य कर सकते हैं |

 4. सुपर कम्प्यूटर (Super Computer):- 

सुपर कम्प्यूटर बहुत अधिक शक्तिशाली (Powerful) होते हैं | ये अत्यंत जटिल सक्रियाओं को भी बहुत अधिक शीघ्र गति से करते हैं | इनकी संग्रहण क्षमता (storage capacity) भी अधिक होती है | सुपर कम्प्यूटर अभी तक सबसे तेज कार्य करने वाला और सबसे महंगा कम्प्यूटर है |

 सुपर कम्प्यूटर की मुख्य विशेषताएं 

 1. इनमें 32 या 64 समानांतर परिपथों में कार्य कर रहे माइक्रो प्रोफेसर की सहायता से प्राप्त सूचनाओं पर एक कार्य किया जा सकता है |

 2. इनमें उच्च भंडारण घनत्व वाली चुम्बकीय बबल स्मृति या आवेशित युग्म युक्तियों (Maganetic Bubble Memories -MBM or Charge Coupled Devices-CCDs) का उपयोग किया जाता है जिसके छोटी -सी जगह में सूचनाओं का वृहद भंडार संग्रहित किया जा सकता है | 

3. इनके लिए विशिष्ट प्रकार के वातानुकूलन (air conditioning) की आवश्यकता पडती है |

4. सुपर कम्प्यूटर की जरूरत तभी होती है जब अनवरत रूप से बदल रहे अनेक आंकड़ों को समानुक्रमित करना होता है |

 विश्व में विकसित सुपर कम्प्यूटर 

1.  नाम:- CRAY KIS

• निर्माण करने वाला संस्थान :- CCRAY K Research Co, USA


2.  नाम :- Deep Blue

• निर्माण करने वाला संस्थान :- IBM Co, USA


3.  नाम :- Blue Gene

• निर्माण करने वाला संस्थान :- IBM Co, USA


4.  नाम :- COSMOS

• निर्माण करने वाला संस्थान :- Cambridge University , UK


भारत में विकसित सुपर कम्प्यूटर

1.  नाम :- FLO SOLVER

• निर्माण करने वाला संस्थान :- NAL. Bangalore


2.  नाम :- PACE

• निर्माण करने वाला संस्थान :- DRDO


3.  नाम :- PARAM 10000

• निर्माण करने वाला संस्थान :- C-DAC,Pune


4.  नाम :- CHIPP-16

• निर्माण करने वाला संस्थान :- C-Dot,Banglore


5.  नाम :- MULTI MICRO

• निर्माण करने वाला संस्थान :- IIS, Banglore


6.  नाम :- MACH

• निर्माण करने वाला संस्थान :- IIT , Bombay


7.  नाम :- ANUPAM

• निर्माण करने वाला संस्थान :- BARC, Bombay

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