अंत:कंकाल (Endo -skeleton) क्या है और यह कैसे बनता है
अंत:कंकाल (Endo -skeleton):-
शरीर के अंदर पाए जाने वाले कंकाल को अंत: कंकाल कहते है | इसकी उत्पति हभ्रूणीय मिसोडर्म से होती है | अंत:कंकाल सभी केशेरुकियों में पाया जाता है | केशुरुकियों में अंत:कंकाल ही शरीर का मुख्य ढांचा बनाता है | यह मांसपेशियों (Muscles) से ढंका रहता है | संचानात्मक दृष्टि से अंत:कंकाल दो भागों से मिलकर बना होता है -
(a) अस्थि एवं (b) उपास्थि |
मानव कंकाल |
(A) अस्थि (Bone) :-
अस्थि एक ठोस , कठोर एवं मजबूत संयोजी ऊतक (Connective tissue) है जो तन्तुओं एवं मैट्रिक्स (Matrix) का बना होता है | इसके मैट्रिक्स में कैल्सियम और मैग्नीशियम के लवण पाए जाते हैं तथा इसमें अस्थि कोशिकाएं एवं कोलेजन तंतु व्यवस्थित होते हैं | कैल्सियम एवं मैग्नीशियम के लवणों की उपस्थिति के कारण ही अस्थियाँ कठोर होती है | प्रत्येक अस्थि के चारों ओर तंतुमय संयोजी ऊतक से निर्मित एक दोहरा आवरण पाया जाता है जिसे परिअस्थिक (Periosteum) कहते हैं | इसी परिअस्थिक के द्वारा लिगामेंट्स(Ligaments) ,टेंडन्स (Tendens) तथा दूसरी मांसपेशियां जुडी होती है | मोटी एवं लम्बी अस्थियों में एक प्रकार की खोखली गुहा पायी जाती है , जिसे मज्जा गुहा (Marrow cavity) कहते हैं | मज्जा (Bone marrow) कहते हैं | अस्थि मज्जा मध्य में पीली तथा अस्थियों के सिरों पर लाल होती है | इन्हें क्रमश : पीली अस्थि मज्जा (Yellow bone marrow) तथा लाल अस्थि मज्जा (Red bone marrow) कहते हैं |लाल अस्थि मज्जा लाल रुधिर कणिकाओं (RBCs) का निर्माण करती है जबकि पीली अस्थि मज्जा श्वेत रुधिर कणिकाओं (WBCs) का निर्माण करती है | लाल अस्थि मज्जा केवन स्तनधारियों में पायी जाती है |
अस्थि के प्रकार :- विकास के आधार पर अस्थियाँ दो प्रकार की होती है | ये हैं -1. कलाजत अस्थि (Investing bone) एवं 2. उपस्थिजात (Cartilage bone)|
1. कलाजात अस्थि (Investing bone):-
यह अस्थि त्वचा के नीचे संयोजी ऊतक की झिल्लियों से निर्मित होती है | इसे मेम्ब्रेन अस्थि (Membrane bone) भी कहते हैं | खोपड़ी (Skull) की सभी चपटी अस्थियाँ कलाजात अस्थियाँ होती है |
2. उपास्थिजात अस्थि (Cartilage bone):-
ये अस्थियाँ सदैव भ्रूण की उपास्थि को नष्ट करके उन्ही के स्थानों पर बनती है | इस कारण इन्हें रिप्लेसिंग बोने (Replacing bone) भी कहा जाता है | केशेरुक दंड (Veterbral column) तथा पैरों की अस्थियाँ उपास्थिजात अस्थियाँ होती है |
(B) उपास्थि (Cartilage) :-
उपास्थि का निर्माण कंकाली संयोजी ऊतकों से होता है | यह भी एक प्रकार का संयोजी ऊतक होता है | यह अर्द्ध ठोस , पारदर्शक एवं लचीले ग्लाईकोप्रोटीन से बने मैट्रिक्स से निर्मित होता है | उपास्थि का मैट्रिक्स थोडा कड़ा होता है | इसके मैट्रिक्स के बीच में रिक्त स्थान में छोटी छोटी थैलियाँ होती है , जिसे लैकुनी (Lacunee) कहते हैं | लैकुनी में एक प्रकार का तरल पदार्थ भरा रहता है | लैकुनी में कुछ जीवित कोशिकाएं (Living cells) भी पायी जाती हैं , जिसे कोंड्रियोसाईट(Chondriocyte) कहते हैं | इसके मैट्रिक्स में इलास्टिन तन्तु एवं कोलेजन भी पाए जाते हैं | उपास्थि के चारों ओर एक प्रकार की झिल्ली (Membrane) पायी जाती है जिसे पेरीकोड्रियम (Perichondrium) कहते हैं |
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