विपरीतार्थक शब्द क्या होते हैं व् विलोम शब्दों के उदाहरण
B. विलोमायी शब्द
विलोम शब्द क्या होते है |
एक-दूसरे के विपरीत या विरोधी अर्थवाले शब्द
को ही ‘विलोम’ या ‘प्रतिलोम’ या विपरीतार्थक शब्द कहा जाता है |
जैसे –
सत्य-असत्य, अमीर-गरीब आदि |
विलोमार्थी
कई दृष्टियों से होता है – लिंग से, आर्थिक स्थिति के कारण, रिश्ते के कारण, आकार,
दशा, दिशा, कार्य,
भूगोल, इतिहास एवं स्वभावादी के कारण | नीचे
लिखे उदाहरणों को देखें :
राजा – रंक (आर्थिक स्थिति के कारण)
राजा – प्रजा (सहस्क-शासित के कारण)
राजा – रानी (लिंग के कारण)
पिता – पुत्र/माता (रिश्ते के कारण)
मोटा – पतला (आकार के कारण)
उत्तर - दक्षिण (दिशा में)
राम – रावण (स्वभाव के कारण)
नोट
: एक बात का ध्यान हमेशा रखना चाहिए कि शब्द भेद की दृष्टि से दोनों विपरीतार्थक
जोड़ों का एक होना चाहिए यानी यदि संज्ञा है तो उसका विलोम भी संज्ञा ही हो | इसी
तरह यदि विशेषण या क्रियावाची शब्द हो तो उसका विलोमार्थी भी वही होगा | कुछ लोग
इस बारीकी पर ध्यान न रखने के कारण गलतियाँ कर बैठते हैं :
अनुशासन (संज्ञा) – अनुशासनहीन (विशेषण)
‘अनुशासन’ का ‘अननुशासन’ होना चाहिए न कि अनुशासनहीन |
प्रतिलोम
शब्द बनाने की निम्नलिखित विधियाँ हैं –
(क)
‘अ’/’अनु’ (उपसर्ग जोड़कर)
क्रोध – अक्रोध खाद्य – अखाद्य
निर्देश
: इसी तरह निम्नलिखित शब्दों के विलोमार्थी शब्द बनाएं : (बॉक्स के उपसर्गों का
प्रयोग करें)
{न+
ना+ गैर+ आ+ प्र+ परा+ अप+ निर+ वि+ दुः+ अ+ पर+}
गण्य
घोर छेद्य जेय ज्ञान कर्मण्य आस्तिक कीर्ति यश नित्य स्वीकार लौकिक धर्म लायक
प्रिय साधारण सामान्य सभ्य शुभ मोघ हाजिर सत्य इच्छा उचित समय अवसर चल दान आवरण
उदार इष्ट चल उपस्थित एक स्थित ऋत चल अधिकार पसंद पाक काविल जय खुश मुनासिब मामूली
इन्साफ शरीफ मुमकिन यश सरकारी कानूनी गमन यात मान चय आशा राग योग युक्त क्रय लगाव
देश स्मरण सम चल गति लोक चर कर्म
(ख) नया विलोमार्थी शब्द
शब्द विलोम शब्द
अतिवृष्टि अनावृष्टि
भीतर बाहर
अथ इति
अन्दरूनी बाहरी
अकेला साथ
अपना पराया
अगला पिछला
अच्छा बुरा
अमीर गरीब
उगना डूबना
भला बुरा
धनी निर्धन
उच्च नीच/निम्न
अन्धकार आलोक/प्रकाश
अमृत विष
ऊंचा नीचा
उदास प्रफुल्ल/प्रसन्न
सुधा गरल
उठाना बैठना/गिरना
अमावस्या पूर्णिमा
अवश्य संभवत:
उजाला अंधियारा
आरंभ अंत/अवसान
उदीची अवाची
उत्तम अधम
आध्यात्मिक आधीभौतिक
उपरि निम्न
उदय अस्त
अवनि अंबर
ऊर्ध्व अध्:
उधार नकद
जमीन आसमान
आगे पीछे
उर्वर ऊसर
आकाश पाताल
आग पानी
उपजाऊ बंजर
अनुमोदन विरोध
आना जाना
उपार्जित स्वयंप्राप्त
समर्थन विरोध
आदि अंत
उदार अनुदार/सूम
अल्प अधिक/प्रचुर
अलग साथ
दाता कंजूस
धृष्ट विनयशील
अवाई विदाई
प्रात: सायं
उष्ण शीत
आगमन प्रस्थान
उद्धत विनीत
उत्तर दक्षिण/प्रश्न
ऊपर नीचे
उग्र सौम्य
आलस्य स्फूर्ति/उद्यम
सरल कुटिल
कठोर कोमल
आवाहन विसर्जन
ऋणी उऋण
कर्कश मृदुल
आसक्त विरक्त
आम ख़ास
एकत्र विकीर्ण
आकुंचन प्रसारण
विषयी जितेन्द्रिय
कतु मधु
आजादी गुलामी
ईद मुहर्रम
कठिन सरल
आर्द्र शुष्क
श्रम विश्राम
कर्त्तव्य अकर्त्तव्य
कृष्ण श्वेत/कंस/शुक्ल
तिक्त मधुर
कड़वा मीठा
कमजोर मजबूत/ताकतवर
कच्चा पक्का
गलत सही
काला उजला/गोरा
स्याह सफेद
गौण प्रधान
कनिष्ठ ज्येष्ठ
कर्कशा सुशीला
संग्रह त्याग
कुत्सा प्रशंसा
घटना बढ़ना
ग्रामीण नागरिक
निंदा स्तुति
घटिया बढ़िया
ग्रस्त मुक्त
कड़ा मुलायम
चतुर मूर्ख
ग्रास मोक्ष
कृश पीन
क्षीण पुष्ट
बंधन मुक्ति
गाड़ना उखाड़ना
कृपा कोप
गाँव शहर
कृत्रिम प्राकृतिक
क्षमा दंड
होशियार बेवकूफ
कुसुम कंटक
चोर साधु
चढ़ाव उतार
फूल काँटा
चुस्त ढीला
छली निश्छल
क्षणिक शाश्वत
खरा खोटा
छोटा बड़ा
ह्रास वृद्धि
खरीद बिक्री
छूट कैद
खंडन मंडन
खल सज्जन
जागना सोना
खीझना रीझना
जंगल गाँव
जलना बुझना
न्याय अन्याय/पक्षपात
जन्म मृत्यु
जीवन मरण
खिलना मुरझाना
जनता सरकार
जीना मरना
ख़ुशी गम
जरा यौवन
जड़ चेतन/तना
खुला बंद
जीवित मृत
निजी सार्वजनिक
गहरा छिछला
जिन्दा मुर्दा
जाड़ा गर्मी
गाढ़ा पतला
ज्वार भाटा
जंगम स्थावर
गीला सूखा
जिन्दगी मुर्दनी
जाग्रत सुप्त
गुण दोष
नफा नुक्सान
गुरुवार लघु/शिष्य
ज्योति तम
नवीन प्राचीन
गुप्त प्रकट
ज्योत्स्ना तमिस्रा
निद्रा जागरण
गृहस्थ संन्यासी
द्रुत विलम्बित
स्वप्न जागरण
नकली असली
कलह सुलह
ढीठ संकोची
नेकी बदी
झूठा सच्चा
तिमिर आलोक
निशीथ मध्याहन
झोपड़ी महल
तरल ठोस
निषिद्ध विहित
ठंडा गर्म
तरुण वृद्ध
निंद्य वंद्य
डरपोक निडर
तारीफ़ शिकायत
स्वकीय परकीय
पालक घालक
दंड पुरस्कार
पहला दूसरा
पालन संहार
दाता सूम
बसाना उजाड़ना
पेट पीठ
दिन रात
पाश्चात्य पौरस्त्य
तानी भरनी
प्रेम घृणा
पिघला जमा
ताजा बासी
दूषित स्वच्छ
प्रदोष प्रत्यूष
तरस तृप्ति
देहाती शहरी
प्रसन्न विषण
तीव्र मंद
दिवा रात्रि
प्रथम द्वितीय
तीक्ष्ण कुंद
दुर्जन सज्जन
प्रभु भृत्य
थोक खुदरा
पूरब पश्चिम
पाप पुण्य
बीमार नीरोग
देव दानव
प्राय: बिरले
रोगी नीरोग
देवता राक्षस
प्रारब्ध पौरुष
बाढ़ सूखा
धूप छाँह
पूर्वाह्न अपराह्न
बाह्य आभ्यन्तर
ध्वंस निर्माण
प्रस्थान आगमन
बहिष्कार स्वीकार
नख शिख
पृथु तनु
लौकिक दिव्य/अलौकिक
बहार खिजां
बालक वृद्ध
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