वर्तमानकालिक क्रियाओं की रूपावली
वर्तमानकालिक क्रियाओं की रूपावली
सामान्य
वर्तमान (‘बैठ धातु) पुल्लिंग
एकवचन बहुवचन
उत्तम
पुरुष (मैं) बैठता हूँ (हम) बैठते हैं
मध्य
पुरुष (तू) बैठता है (तुम) बैठते हो
अन्य
पुरुष (वह) बैठता है / (यह) बैठता
है (वे) बैठते हैं / (ये) बैठते हैं
स्त्री.
एकवचन बहुवचन
उत्तम
पुरुष (मैं) बैठती हूँ (हम) बैठती हैं
मध्य
पुरुष (तू) बैठती है (तुम) बैठती हो
अन्य
पुरुष (वह) बैठती है / (यह) बैठती
है (वे) बैठती हैं / (ये) बैठती हैं
संदिग्ध
वर्तमान पुल्लिंग
एकवचन बहुवचन
उत्तम
पुरुष (मैं) बैठता हूँगा / बैठ रहा
हूँगा (हम)
बैठते होंगे / बैठ रहे होंगे
मध्य
पुरुष (तू) बैठता होगा / बैठ रहा
होगा (तुम) बैठते होंगे / बैठ रहे
होंगे
अन्य
पुरुष (वह) बैठता होगा / (यह) बैठ
रहा होगा (वे) बैठते होंगे / (ये) बैठ रहे
होंगे
स्त्रीलिंग
एकवचन बहुवचन
उत्तम
पुरुष (मैं) बैठती हूँगी / बैठ रही
हूँगी (हम) बैठती होंगी / बैठ रही
होंगी
मध्य
पुरुष (तू) बैठती होगी / बैठ रही
होगी (तुम) बैठती होगी / बैठ रही होगी
अन्य
पुरुष (वह) बैठती होगी / (यह) बैठ
रही होगी (वे) बैठती होंगी / (ये) बैठ रही
होंगी
तात्कालिक
वर्तमान पुल्लिंग
एकवचन बहुवचन
उत्तम
पुरुष (मैं) बैठ रहा हूँ (हम) बैठ रहे हैं
मध्य
पुरुष (तू) बैठ रहा है (तुम) बैठ रहे हो
अन्य
पुरुष (वह) बैठ रहा है / (यह) बैठ
रहा है (वे) बैठ रहे हैं / (ये) बैठ रहे
हैं
स्त्रीलिंग
एकवचन बहुवचन
उत्तम
पुरुष (मैं) बैठ रही हूँ (हम) बैठ रही हैं
मध्य
पुरुष (तू) बैठ रही है (तुम) बैठ रही हो
अन्य
पुरुष (वह) बैठ रही है / (यह) बैठ
रही है (वे) बैठ रही हैं / (ये) बैठ रही
हैं
नोट
: इसी तरह सभी धातुओं की वर्तमानकालिक रूपावली बनाई जाती है |
2.
भूतकाल
“क्रिया के जिस रूप से उसके बीते हुए समय
में उसकी (क्रिया की) पूर्णता या अपूर्णता का बोध हो, ‘भूतकाल’ (Past Tense) कहलाता है |” जैसे –
1. मेरा बचपन बीत गया |
2. वह परीक्षा की तैयारी कर रहा था |
3. नेताजी ने गरीबी दूर करने की बात कही
होगी |
4. कालिदास ने ‘मेघदूत’ लिखा है |
5. प्रेमचन्द ने ‘गोदान’ लिखा था |
6. परसों शिमला में वर्षा होती थी |
7. उसने अच्छी तैयारी की होती तो परीक्षा
पास कर जाता |
विश्लेषण
: (a) उपर्युक्त सभी वाक्यों में प्रयुक्त
क्रियाओं से बीते हुए समय का बोध हो रहा है |
(b) (i), (iii),
(iv) एवं (v) वाक्यों में क्रिया की पूर्णता और शेष वाक्यों में क्रिया की
अपूर्णता दिखाई पड़ रही है |
भूतकाल के छह प्रकार होते हैं :
1. सामान्य
भूत
सामान्य भूतकाल (Past Indefinite/Simple Past) की क्रिया से सिर्फ यह जान पड़ता है कि क्रिया बीते हुए समय में हुई, यह नहीं कि काम को हुए अधिक देर हुई
या थोड़ी देर |
इस
काल की क्रिया की संरचना इस प्रकार होती –
‘धातु
+ आ / ए / ई’ अथवा ‘धातु + चुका / चुके / चुकी’ या ‘धातु + या / ये / यी, जैसे –
अमेरिका ने हिरोशिमा पर बम गिराया |
मि. टनाका ने वह नजारा देखा |
जापान उस घटना को भूल चुका |
2.
आसन्न भूत
“क्रिया के जिस रूप से उसकी समाप्ति निकट भूत में या तत्काल सूचित
होती है, उसे ‘आसन्न भूत’ (Present Perfect Tense) की क्रिया कहते हैं |”
इस काल को ‘पूर्णवर्तमान’ के नाम से भी जाना जाता है; क्योंकि इसकी पूर्णता या समाप्ति वर्तमान के निकट में होती है | इस
काल की क्रिया की संरचना के लिए सामान्य क संरचना में सिफ है / हैं / हो / हूँ
लगाना पड़ता है | जैसे –
अमेरिका ने हिरोशिमा पर बम गिराया है |
मि. टनाका ने देखा है |
जापान उस घटना को भूल चुका है |
3.
पूर्णभूत
“क्रिया के जिस रूप से यह विदित हो कि उसके
व्यापार को समाप्त हुए बहुत देर हो चुकी हैं; यानी कोई क्रिया बहुत पहले हो चुकी है |”
इस काल की क्रिया भी पूर्णताबोधक होती है |
इसकी संरचना के लिए सामान्य की संरचना के बाद था / थे / थी जोड़ना पड़ता है | उपर्युक्त
तीनों वाक्यों का पूर्णभूत (Past Perfect Tense) रूप देखें –
अमेरिका ने हिरोशिमा पर बम गिराया था |
मि. टनाका ने देखा था |
जापान उस घटना को भूल चुका था |
4.
संदिग्ध भूत
संदिग्ध भूत (Past Doubtful) की क्रिया से बीते हुए समय में क्रिया की पूर्णता में संदेह रहता
है |
इसकी संरचना के लिए सामान्य भूत की संरचना
के बाद होगा / होगे / होगी लगाना चाहिए | जैसे –
अमेरिका ने हिरोशिमा पर बम गिराया होगा |
मि. टनाका ने देखा होगा |
जापान उस घटना को भूल चुका होगा |
5.
अपूर्ण भूत
अपूर्ण भूत (Past Imperfect Tense) की क्रिया से यह विदित होता है कि बीते हुए समय में कोई क्रिया
जारी थी यानी पूर्णता को प्राप्त नहीं हुई थी |
इसकी
संरचना इस प्रकार होती है –
धातु + रहा / रहे / रही + था / थे / थी या
धातु + ता / ते / ती + था / थे / थी जैसे –
वैज्ञानिक सूर्यग्रहण का नजारा देख रहे थे /
देखते थे |
उस समय ताजमहल का निर्माण कार्य चल रहा था |
नैनीताल में मूसलधार वर्षा हो रही थी |
6.
हेतुहेतुमदभूत
‘हेतु’ का अर्थ होता है – ‘कारण’ या ‘प्रयोजन’ | हेतुहेतुमदभूत काल (Past Conditional) की क्रिया से यह स्पष्ट होता है कि बीते
हुए समय में कोई कार्य या व्यापार सम्पन्न होता; लेकिन किसी कारण से नहीं हो सका | जैसे –
अंशु इंजीनियर बन गई होती यदि पॉलिटेक्निक
की परीक्षा पास हो जाती |
इस
वाक्य में ‘इंजीनियर न बनने का’ स्पष्ट हेतु है –
पॉलिटेक्निक का पास न होना |
भूतकालिक
क्रियाओं की रूपावली
‘बैठ’ अकर्मक धातु
सामान्य
भूत (पुल्लिंग)
पुरुष एकवचन बहुवचन
उत्तम
पुरुष (मैं) बैठा (हम) बैठे
मध्य
पुरुष (तू) बैठा (तुम) बैठे
अन्य
पुरुष (वह/यह) बैठा (वे/ये) बैठे
स्त्रीलिंग
पुरुष एकवचन बहुवचन
उत्तम
पुरुष (मैं) बैठी (हम) बैठीं
मध्य
पुरुष (तू) बैठी (तुम) बैठीं
अन्य
पुरुष (वह/यह) बैठी (वे/ये) बैठीं
आसन्न
भूत (स्त्रीलिंग)
पुरुष एकवचन बहुवचन
उत्तम
पुरुष (मैं) बैठी हूँ (हम) बैठी हैं
मध्य
पुरुष (तू) बैठी है (तुम) बैठी हो
अन्य
पुरुष (वह/यह) बैठी है (वे/ये) बैठी हैं |
पुल्लिंग
पुरुष एकवचन बहुवचन
उत्तम
पुरुष (मैं) बैठा हूँ (हम) बैठे हैं
मध्य
पुरुष (तू) बैठा (तुम) बैठे हो
अन्य
पुरुष (वह/यह) बैठा है (वे/ये) बैठे हैं
पूर्णभूत
(पुल्लिंग)
पुरुष एकवचन बहुवचन
उत्तम
पुरुष (मैं) बैठा था (हम) बैठे थे
मध्य
पुरुष (तू) बैठा था (तुम) बैठे थे
अन्य
पुरुष (वह/यह) बैठा था (वे/ये) बैठे थे
स्त्रीलिंग
पुरुष एकवचन बहुवचन
उत्तम
पुरुष (मैं) बैठी था (हम) बैठी थीं
मध्य
पुरुष (तू) बैठी थी (तुम) बैठी थीं
अन्य
पुरुष (वह/यह) बैठी थी (वे/ये) बैठी थीं
अपूर्णभूत
(पुल्लिंग)
पुरुष एकवचन बहुवचन
उत्तम
पुरुष (मैं) बैठ रहा था / बैठता था (हम) बैठ रहे थे / बैठते थे
मध्य
पुरुष (तू) बैठ रहा था / बैठता था (तुम) बैठ रहे थे / बैठते थे
अन्य
पुरुष (वह/यह) बैठ रहा था / बैठा
था (वे/ये) बैठ रहे थे / बैठते थे
स्त्रीलिंग
पुरुष एकवचन बहुवचन
उत्तम
पुरुष (मैं) बैठ रही थी / बैठती थी (हम)
बैठ रही थीं / बैठती थीं
मध्य
पुरुष (तू) बैठ रही थी / बैठती थी (तुम)
बैठ रही थीं / बैठती थीं
अन्य
पुरुष (वह/यह) बैठ रही थी / बैठती
थी (वे/ये) बैठ रही थीं / बैठती थीं
संदिग्धभूत
(पुल्लिंग)
पुरुष एकवचन बहुवचन
उत्तम
पुरुष (मैं) बैठा हूँगा (हम) बैठे होंगे
मध्य
पुरुष (तू) बैठा होगा (तुम) बैठे होंगे
अन्य
पुरुष (वह/यह) बैठा होगा (वे/ये) बैठे होंगे
स्त्रीलिंग
पुरुष एकवचन बहुवचन
उत्तम
पुरुष (मैं) बैठी हूँगी (हम) बैठी होंगी
मध्य
पुरुष (तू) बैठी होगी (तुम) बैठी होंगी
अन्य
पुरुष (वह/यह) बैठी होगी (वे/ये) बैठी होंगी
हेतुहेतुमदभूत
उत्तम
पुरुष (मैं) बैठता / बैठती / बैठी
होती / बैठा होगा यदि ...............
(हम) बैठते / बैठतीं / बैठी
होती / बैठे होते यदि ...............
मध्य
पुरुष (तू) बैठता / बैठती / बैठी
होती / बैठा होता यदि ...............
(तुम) बैठते / बैठतीं / बैठी
होती / बैठे होते यदि ...............
अन्य
पुरुष (वह/यह) बैठता / बैठती /
बैठी होती / बैठा होता यदि ...............
(ये/वे) बैठते / बैठतीं / बैठी
होती / बैठे होते यदि ...............
नोट
: (i) सभी अकर्मक धातुओं का रूप इसी तरह
होगा |
(ii) चुका / चुके / चुकी लगाकर भी इसी तरह रूप बनेंगे – जैसे –
(मैं) बैठ चुका / बैठ चुका हूँ / बैठ
चुका था / बैठ चुकी हूँ |
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