एकवचन से बहुवचन बनाने की विधियाँ
👉 इस पोस्ट में हम जानेंगें की कैसे हम एकवचन से बहुवचन बनाएंगें |
एकवचन और बहुवचन |
एकवचन से बहुवचन बनाने की दो विधियाँ हैं :
1. निर्विभक्तिक रूप : जब बिना कारक-चिह्न लगाए विभिन्न प्रत्ययों के योग से
बहुवचन रूप बनाए जाएं | जैसे –
लड़का + ए = लड़के
लड़की + यां = लड़कियां
रात + ऐ = रातें आदि |
2. सविभक्तिक रूप : जब कारक चिह्न के कारण ओं/यों प्रत्यय लगाकर बहुवचन रूप
बनाया जाए | जैसे –
लड़का + ओं = लड़कों
लड़की + यों = लड़कियों
हाथी + यों = हाथियों
रात + ओं = रातों आदि |
नोट : सविभक्तिक रूप बनाने के लिए स्त्री. पुं. सभी संज्ञाओं में ओं/यों
प्रत्यय लगाया जाता है | इस रूप के साथ किसी-न-किसी कारक का चिह्न अवश्य आता है |
संज्ञा का यह रूप सिर्फ वाक्यों में देखा जाता है |
👉 एकवचन से बहुवचन बनाने के नियम :
1. आकारात पुं. संज्ञा में ‘आ’ की जगह ‘ए’ की मात्रा लगाकर :
उदाहरण – लड़का : लड़के कुत्ता : कुत्ते
[इसी तरह निम्न संज्ञाओं के
बहुवचन रूप बनाएं]
घोड़ा गधा पंखा पहिया कपड़ा छाता
रास्ता बच्चा तारा कमरा आईना भैंसा बकरा बछड़ा
2. अन्य पुं. संज्ञाओं के दोनों वचनों में समान रूप होते हैं |
उदाहरण – फूल : फूल हाथी : हाथी आदि |
3. अकारांत या आकारान्त स्त्री. संज्ञाओं में ‘ऐ’ जोड़कर :
उदाहरण – रात : रातें माता : माताएं
(इनके रूप आप स्वयं लिखें) :
बहन गाय बात सड़क आदत पुस्तक किताब कलम मूंछ नाक बोतल बाँह टांग पीठ भैंस भेड़ शाखा
कथा लता कामना खबर वार्ता शिक्षिका अध्यापिका कक्षा सभा पाठशाला राह
4. इकारात में ‘याँ’ और ईकारांत
स्त्री. संज्ञा में ‘ई’ को ‘इ’ करके ‘याँ’ जोड़कर :
उदाहरण – तिथि : तिथियाँ लड़की : लड़कियां आदि |
(इनके रूप आप स्वयं लिखें) :
रीति नारी नीति गाड़ी साड़ी धोती नाली अंगूठी खिड़की कुर्सी दरी छड़ी घड़ी हड्डी
नाड़ी सवारी बच्ची नदी
5. उकारांत स्त्री संज्ञा में ‘एै’ एवं उकारांत में ‘ऊ’ को ‘उ’ कर ‘एँ’ लगाकर
:
उदाहरण – वस्तु : वस्तुएँ बहू : बहुएँ वधू
: वधुएँ आदि
6. ‘या’ अंतवाली स्त्रीलिंग
स्ग्याओं में ‘या’ के ऊपर
चन्द्रबिन्दु लगाकर –
उदाहरण – चिड़िया : चिड़ियाँ
(इनके रूप आप स्वयं लिखें)
डिबिया चिड़िया गुड़िया बुढ़िया मचिया बचिया
7. गुण, वृन्द, लोग, सब, जन आदि लगाकर भी कुछ संज्ञाएँ बहुवचन बनाई जाती हैं |
उदाहरण – बालक : बालकगण शिक्षक : शिक्षकगण
अध्यापक : अध्यापकवृन्द बन्धु : बन्धुवर्ग
ब्राह्मण : ब्राह्मणलोग बच्चा : बच्चालोग/बच्चेलोग
नारी : नारीवृन्द गुरु : गुरुजन
नेता : नेतालोग भक्त : भक्तगण
सज्जन : सज्जनवृन्द भाई : भाईलोग
8. इनमें ओं/यों लगाकर कोष्ठक में किसी कारक के चिह्न लिखें :
उदाहरण – लड़का : लड़कों (ने) लड़की : लड़कियों (में)
(इनके रूप आप स्वयं लिखें)
बच्चा कथा शिक्षक चिड़िया घास मानव जानवर पौधा कमरा कहानी रात कविता पुस्तक बाल
बोतल नाक कलम दांत
👉 वचन संबंधी कुछ विशेष बातें
1. निम्नलिखित संज्ञाओं का प्रयोग बहुवचन में ही होता है :
ये मेरे हस्ताक्षर हैं |
गोली लगते ही उस आदमखोर बाघ के
प्राण उड़ गए |
आपके दर्शन से मैं बड़ा लाभान्वित
हुआ |
भूकंप आने की खबर सुन मेरे तो होश
ही उड़ गए |
आजकल के लोग बड़े स्वार्थी हुआ
करते हैं |
उसकी अवस्था देख मेरे आंसू निकल
पड़े |
आपके होठ/ओठ तो बड़े आकर्षक हैं |
इन दिनों वस्तुओं के दाम काफी बढ़
गए हैं |
मैं आपके अक्षत को पूजार्थ ले जा
रहा हूँ |
अभी से ही मेरे बाल झड़ने लगे हैं
|
उस बीभत्स दृश्य को देखकर मेरे
रोंगटे खड़े हो गए |
सलमा आगा को देखकर उनके रोम
पुलकित हो गए |
वायु-प्रदूषण के कारण मेरे नेत्र
लाल हो गए हैं |
उनके तेवर बदलते जा रहे हैं, पता नहीं, बात क्या है |
2. कुछ संज्ञाओं का प्रयोग, जिनमें
द्रव्यवाचक संज्ञाएँ भी शामिल हैं, प्राय : एकवचन
में ही होता है ;
आर्थिक मंदी से आम जनता बहुत
परेशान हैं |
इस वर्ष भी बिहार में बहुत कम
वर्षा हुई है |
कहीं पानी से लोग डूबते हैं तो
कहीं पानी खरीदा जाता है |
सोना बहुत महंगा हो गया है |
चांदी भी सस्ती कहाँ है |
लोहा मजबूत तो होता ही है |
आनेवाला सूरज लाल नजर आता है |
ईश्वर तेरा भला करे |
मानवों के कुकृत्य देख पृथ्वी रो
पड़ी और आकाश फटना चाहता है |
रामराज्य में भी प्रजा दुखी थी |
बच्चों का खेल बड़ा निराला होता है
|
3. आदरणीय व्यक्तियों का प्रयोग बहुवचन में होता है यानी उनके लिए बहुवचन
क्रिया लगाई जाती है | जैसे – मेरे पिताजी आए हैं |
गुरूजी ऐसा कहते हैं कि पेड़-पौधे
हमारे मित्र हैं |
माताजी देवघर जाना चाहती थी; किन्तु मैंने उनकी अवस्था देख उन्हें मना कर दिया
|
4. नाना, दादा, चाचा, पिता, युवा, योद्धा आदि का
बहुवचन रूप वही होता है |
5. द्रव्यवाचक संज्ञाओं के प्रकार (भेद) रहने पर उनका प्रयोग बहुवचन में होता
है | जैसे –
धनबाद में आज भी बहुत प्रकार के
कोयले पाए जाते हैं |
लोहे कई प्रकार के होते हैं |
6. प्रत्येक, हर एक आदि का प्रयोग सदा
एकवचन में होता है | जैसे –
प्रत्येक व्यक्ति ऐसा ही कहता है
|
आज हर कोई मानसिक रूप से बीमार
दिखता है |
इस भाग-दौड़ की दुनिया में हरेक
परेशान है |
7. ‘अनेक’ स्वयं बहुवचन है (यह ‘एक’ का बहुवचन है) इसलिए अनेकों का प्रयोग वर्जित है | जैसे –
मजदूरों के अनेक काम है |
नोट : कविता आदि में मात्रा घटने की स्थिति में अनेकों का प्रयोग भी देखा जाता
है | जैसे –
पहर दो पहर क्या
अनेकों पहर तक
उसी में रही मैं | (बसंती हवा)
8. यदि आकारांत पुं. संज्ञा के बाद किसी कारक का चिह्न आए तो वहां एकवचन अर्थ
में भी वह संज्ञा आकर की एकार हो जाती है |
उदाहरण – अमिताभ के बेटे की शादी ऐश्वर्या राय से हुई |
यहाँ ‘बेटा’ आकारांत पुं. संज्ञा है |
इसके आगे संबंध कारक का चिह्न ‘की’ रहने के कारण
‘बेटा’ शब्द ‘बेटे’ हो गया | ‘बेटे’ होने से भी यह एकवचन ही रहा, बहुवचन नहीं |
निम्नलिखित वाक्यों में प्रयुक्त संज्ञाओं का रूप बदलकर वाक्य शुद्ध करें |
1. इस छोटे से काँटा ने बहुत परेशान कर दिया है |
2. इस अंडा का आकार उस अंडा से बड़ा नहीं है |
3. घर में सब कुछ है; बस एक ताला की
कमी है |
4. इस पंखा ने जान बचा ली है; वरना आज इस
गर्मी में उबल गए होते |
5. एक धब्बा ने पूरी धोती ही खराब कर दी है |
6. आज हमलोग किसी ढाबा पर खाना खाने जाएंगे |
7. विदाई के समय टीका लगाने का रिवाज घटता जा रहा है |
8. उन चिट्ठियों को मेरे पता पर भेज दीजिए |
9. शगुन के समय शामियाना में आग लग जाने से सब गुड़ गोबर हो गया |
10. मैं इस मामला को सदन में उठाऊँगा |
11. मैंने जब तुम्हें इशारा में पूरी बात समझा दी थी, फिर सबों के सामने तुमने क्यों पूछा |
12. शाबाश दोस्त ! क्या पता की बात कही है |
13. तुम्हारा इन्तजार मैं घंटा भर से कर रहा हूँ |
14. इस धुन में तबला पर जाकिर साहब थे |
15. तुम तो बिल्कुल कछुआ की चाल चलते हो |
16. इस सिलसिला में और बहुत-सारी बातें हुई होंगी |
17. तुमने अक्ल तो पाई है गाधा की और बातें करते हो महात्मा विदुर-जैसी |
18. यह लड़की किसी अच्छे घराना की मालूम पड़ती है |
19. मेरे बड़ा लड़का ने बताया है कि आप कल शाम में ही आ गए थे |
20. नीला रंग के कोट में कुछ रूपये हैं, ले लो |
9. कारक-चिह्न रहने पर पुं. संज्ञाओं के पूर्ववर्त्ती आकारांत विशेषण तथा
क्रियाविशेषण का रूप एकारान्त हो जाता है |
उदाहरण – मेरा छोटा भाई ने आपकी चर्चा की थी |
मेरे छोटे भाई ने आपकी चर्चा की
थी |
नीचे लिखे वाक्यों में दिए गए विशेषणों तथा क्रियाविशेषणों में आवश्यक
परिवर्तन कर वाक्य शुद्ध करें –
1. ऐसा काम के लिए उनके पास जाना उचित नहीं लगता |
2. मुझे आपने दो काम दिए थे, उनमें से
मैंने आपका पुराना काम तो कर दिया; परन्तु
नयावाला काम में कुछ समय लगेगा |
3. बहुत सारे देशों में काला-गोरा का अंतर आज भी देखने को मिलता है |
4. तुम-जैसा अवारा लड़के से मुझे कोई सहानुभूति नहीं है |
5. उसका बड़ा लड़का का दिमाग खराब हो गया है |
6. बुरा से बुरा लोग भी कभी-कभी अच्छा काम कर जाते हैं |
7. सामना के मकान में किसी अच्छा घराना की लड़की रहती है |
8. प्रणव का पहला भाषण में जो बात थी वह बजट में दिखाई नहीं पड़ी |
9. आपका दिमाग में जो संदेह है उसे निकाल दीजिए |
10. तुमने अपना पुराना नौकर को क्यों नहीं भेजा ?
11. आपको ऐसा कामों में हाथ डालना ही नहीं चाहिए |
12. आप जैसा सोच रहे हैं, वे लोग वैसा
आदमी नहीं है |
13. न जाने ये लोग कैसा-कैसा धंधे करते है |
14. जितना में मिलता हो, उतना में ही
ले जाओ |
15. इस निबन्ध में कुल कितना शब्द हैं ?
16. मैं इस समय इतना रुपयों का भुगतान नहीं कर सकूँगा |
17. उनके खेतों में अंडों जैसा आलू उपजते हैं |
0 Response to "एकवचन से बहुवचन बनाने की विधियाँ "
एक टिप्पणी भेजें