भारत में राज्यों का पुनर्गठन कैसे हुआ

 देशी रियासतों का भारत में विलय

राज्यों का पुनर्गठन

रियासतों को भारत में सम्मिलित करने के लिए सरदार वल्लभभाई पटेल के नेतृत्व में रियासती मंत्रालय बनाया गया |

जूनागढ़ रियासत को जनमत संग्रह के आधार पर, हैदराबाद की रियासत को पुलिस कार्रवाई के माध्यम से और जम्मू-कश्मीर रियासत को विलय-पत्र पर हस्ताक्षर के द्वारा भारत में मिलाया गया |
संघ और उसका राज्य-क्षेत्र

भारत राज्यों का संघ है, जिसमें सम्प्रति 29 राज्य और 7 केंद्रशासित प्रदेश है |

अनुच्छेद-1 :

1. भारत अर्थात् इंडिया राज्यों का संघ होगा |
2. राज्य और उनके राज्य-क्षेत्र वे होंगे जो पहली अनुसूची में विनिर्दिष्ट है |
3. भारत के राज्य-क्षेत्र में अर्जित किये गये अन्य राज्य क्षेत्र समाविष्ट होंगे |

अनुच्छेद-2 : भारत की संसद को विधि द्वारा ऐसे निबंधनो और शर्तों पर जो वह ठीक समझे संघ में नये राज्य का प्रवेश या उनकी स्थापना की शक्ति प्रदान की गई |

अनुच्छेद-3 : नये राज्य का निर्माण और वर्तमान राज्यों के क्षेत्रों सीमाओं या नामों में परिवर्तन संसद विधि द्वारा कर सकती है |
 

राज्यों का पुनर्गठन

भाषा के आधार पर राज्यों का पुनर्गठन उचित है या नहीं, इसकी जाँच के लिए संविधान सभा के अध्यक्ष राजेन्द्र प्रसाद ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के अवकाश प्राप्त की नियुक्ति की | इस आयोग ने भाषा के आधार पर राज्यों के पुनर्गठन का विरोध किया और प्रशासनिक सुविधा के आधार पर राज्यों के पुनर्गठन का समर्थन किया |
धर आयोग के निर्णयों की परीक्षा करने के लिए कांग्रेस कार्य समिति ने अपने जयपुर अधिवेशन में जवाहरलाल नेहरु, बल्लभभाई पटेल और पट्टाभि सितारमैय्या की एक समिति का गठन किया | इस समिति ने भाषायी आधार पर राज्यों के पुनर्गठन की माँग को खारिज कर दिया |
नेहरु पटेल एवं सीतारमैय्या (J.V.P. समिति) समिति की रिपोर्ट के बाद मद्रास राज्य के तेलुगु भाषियों ने पोटी श्री रामुल्लू के नेतृत्व में आन्दोलन प्रारम्भ हुआ |
58* दिन के आमरण अनशन के बाद 15 दिसम्बर 1952 को रामुल्लू की मृत्यु हो गई |
रामुल्लू की मृत्यु के बाद प्रधानमंत्री नेहरु ने तेलुगु भाषियों के लिए पृथक् आंध्रप्रदेश के गठन की घोषणा कर दी| 1 अक्तूबर 1953 को आंध्रप्रदेश राज्य का गठन हो गया | यह राज्य स्वतंत्र भारत में भाषा के आधार पर गठित होने वाला पहला राज्य था | उस समय आंध्रप्रदेश की राजधानी कर्नूल थी |
राज्य पुनर्गठनआयोग के अध्यक्ष फजल अली थे इसके अन्य सदस्य पं.हृदयनाथ कुंजरू और सरदार के.एम.पणिक्कर थे |
राज्य पुनर्गठन अधिनियम जुलाई 1956 में पास किया गया | इसके अनुसार भारत में 14 राज्य एवं 6 केन्द्रशासित प्रदेश स्थापित किये गये |(राज्य पुनर्गठनप आयोग 1953 में गठित हुआ था)
नवम्बर 1954 को फ़्रांस की सरकार ने अपनी सभी बस्तियां पांडिचेरी,यमन,चन्द्रनगर ओर केरिक्ल को भारत को सौंप दिया 28 मई 1956 को इस सम्बन्ध में संधि पर हस्ताक्षर हो गये | इसके बाद इन सभी को मिलाकर पांडिचेरी संघ राज्य क्षेत्र का गठन किया गया |
भारत सरकार ने 18 दिसम्बर 1961 को गोवा दमन व दीव की मुक्ति के लिए पुर्तगालियों के विरुद्ध कार्रवाई की और उन पर पूर्ण अधिकार क्र लिया | बारहवें संविधान संशोधन द्वारा गोवा दमन व दीव को प्रथम परिशिष्ट में शामिल करके भारत का अभिन्न अंग बना दिया गया |
वर्तमानसमय में भारत में 29 राज्य एवं 7 संघ राज्य क्षेत्र है | इन्हें ही संविधान की प्रथम अनुसूची में शामिल किया गया है |
क्षेत्रीय परिषद् : भारत में पांच क्षेत्रीय परिषद् है | इनका गठन राष्ट्रपति के द्वारा किया जाता है और केन्द्रीय गृहमंत्री या राष्ट्रपति द्वारा मनोनीत केन्द्रीय मंत्री क्षेत्रीय परिषद् का अध्यक्ष होता है | सम्बन्धित राज्यों के मुख्यमंत्री उपाध्यक्ष होते है , जो प्रतिवर्ष बदलते रहते है | यह केंद्र राज्य सम्बन्धो को सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है
क्षेत्रीय परिषद् को 1956 के राज्य पुनर्गठन अधिनियम के तहत स्थापित किया गया था अत: ये सांविधिक निकाय है किन्तु ये संवैधानिक निकाय नहीं है |
1. उत्तरी क्षत्रिय परिषद् : पंजाब हरियाणा हिमाचल , राजस्थान, जम्मू कश्मीर, राज्य तथा चंडीगढ़ एवं दिल्ली संघ राज्य क्षेत्र |
2. मध्य क्षेत्रीय परिषद् : उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, उतराखंड एवं, छतीसगढ़ |
3. पूर्वी क्षेत्रीय परिषद् : बिहार, प.बंगाल, उड़ीसा , झारखण्ड, असम,सिक्किम, मणिपुर, त्रिपुरा, मेघालय नगालैण्ड, अरुणाचल प्रदेश तथा मिजोरम |
4. पश्चिमी क्षेत्रीय परिषद् : गुजरात,महाराष्ट्र,गोवा, दमन-दीव,एवं दादर तथा नागर हवेली संघ राज्य क्षेत्र |
5. दक्षिणी क्षेत्रीय परिषद् :आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, केरल,कर्नाटक एवं तमिलनाडूराज्य एवं पुद्दुचेरी संघ राज्य क्षेत्र |
6. पूर्वोत्तर परिषद् : इसका गठन संसदीय अधिनियम -पूर्वोत्तर परिषद् अधिनियम - 1971द्वारा किया गया है | यह 8 अगस्त 1972 में अस्तित्व में आया | इसके सदस्यों में असम, मणिपुर,मिजोरम,अरुणाचल ,नागालैंड, मेघालय, त्रिपुरा तथा सिक्किम सम्मिलित है | 1994 में सिक्किम पूर्वोत्तर परिषद् का आठवाँ सदस्य बना | इसके कार्य कुछ अतिरिक्त कार्यों सहित वही है जो क्षेत्रीय परिषदों के है |

भारत में गठित क्षेत्रीय परिषद् के मुख्यालय

1. उत्तरी क्षेत्रीय परिषद् : नई दिल्ली
2. मध्यवर्ती क्षेत्रीय परिषद् : इलाहाबाद
3. पूर्वी क्षेत्रीय परिषद् : कोलकाता
4. पश्चिमी क्षेत्रीय परिषद् : मुंबई
5. दक्षिणी क्षेत्रीय परिषद् : चेन्नई

FAQ

राज्य पुनर्गठन अधिनियम कब पारित हुआ
राज्य पुनर्गठन आयोग का काम क्या था इसकी प्रमुख सिफारिशें क्या थी
राज्य पुनर्गठन आयोग क्या था इसकी महत्वपूर्ण सिफारिशें क्या थी
राज्य पुनर्गठन आयोग कितने राज्य तथा केंद्र शासित प्रदेश का गठन किया
राज्य पुनर्गठन आयोग का गठन कब हुआ एवं उसके अध्यक्ष का नाम बताइए
राज्य पुनर्गठन आयोग की सिफारिशें क्या थी
राज्यों का पुनर्गठन

प्रश्न:- भाषा के आधार पर किस राज्य का गठन कब किया गया?

उत्तर:- आज़ादी के बाद 1953 में भाषा के आधार पर बनने वाला राज्य पहला आंध्र प्रदेश था.

प्रश्न: 1956 में भारत में कितने राज्य थे?

उत्तर: भारत की आजादी के बाद 562 रियासतें भारत के अंतर्गत आईं, जिन्हें भारतीय संघ के राज्य के रूप में पुनर्गठित किया गया। उस समय हैदराबाद, जूनागढ़, भोपाल और कश्मीर भारत का हिस्सा बनने के लिए राजी नहीं हुए थे। 1956 तक यह रियासतें भी भारतीय संघ का हिस्सा बन गईं और देश में 14 राज्य, 6 केंद्रशासित प्रदेश बनाए गए।

प्रश्न:- भारत के 9 केंद्र शासित प्रदेश कौन से हैं?

उत्तर:- अण्डमान और निकोबार द्वीप समूह, चण्डीगढ़, दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव, दिल्ली, पुदुच्चेरी, लक्षद्वीप, जम्मू और कश्मीर. लद्दाख

प्रश्न; 2021 में भारत में कुल कितने राज्य है?

उत्तर:- भारत में कुल 28 राज्य और 9 केंद्र शासित प्रदेश मौजूद है।


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