उपवाक्य किसे कहते हैं Upvakya kise kahate hain

 उपवाक्य किसे कहते हैं (Upvakya kise kahate hain?)

upvakya
उपवाक्य क्या होते हैं

उपवाक्य

      “पदों का ऐसा समूह, जिसमें वाक्य के सारे गुण हों सिर्फ आकांक्षा शेष रह जाए और इसी कारण से उनका स्वतंत्र रूप से प्रयोग नहीं हो; वाक्य के साथ हो, ‘उपवाक्य कहलाता है |”

      उपवाक्य वाक्य का अंग होता है | यह अर्थ बोध की क्षमता रखते हुए भी स्वतंत्र रूप से (वाक्य की भाँति) प्रयुक्त नहीं होता है | नीचे लिखे उदाहरणों को देखें और सोचें कि क्या इनके ऐसे प्रयोग से काम चल पाएगा ?

(a) मैंने आपसे कहा था कि ...................... |        क्या?

(b) जबतक आप नहीं आते तब तक ...................... |       क्या?

(c) वह नौकर भाग गया ...................... |          कौन?

      हम देख रहे हैं कि आगे की बात जानने की आकांक्षा शेष रह जाती है | यदि ऐसा लिखा जाए :

(a) मैंने आपसे कहा था कि वहां न जाए |

(b) जबतक आप नहीं आते तबतक मैं यहीं रहूंगी |

(c) वह नौकर भाग गया, जो कल आया था |

      तो वाक्य पूर्ण हो जाता है, यानी कोई आकांक्षा शेष नहीं रह पाती है | हमें देखा कि शेष अंश अधूरे वाक्य को पूरा कर रहा है | वह शेष अंश की उक्त वाक्यों में उपवाक्य है |

साधारणतया उपवाक्य दो प्रकार के होते हैं – (Upvakya ke prakar)

मुख्य या प्रधान उपवाक्य और आश्रित उपवाक्य |

जो उपवाक्य अर्थ का प्रमुख आधार सुनिश्चित करता है, वह ‘प्रधान उपवाक्य कहलाता है और लंबे वाक्यों में जो उपवाक्य स्वतंत्र रूप से पूर्ण अर्थबोध नहीं करा सकते और जो मुख्य वाक्य के आश्रित होते हैं, उन्हें ‘आश्रित उपवाक्य कहते हैं | जैसे –

      हमारा उद्देश्य रहता है (प्रधान उपवाक्य) कि हम आत्मनिर्भर हों | (आश्रित उपवाक्य)

      वह हमारा मित्र है, (प्रधान उपवाक्य) जो भाषण कर रहा है | (आश्रित उपवाक्य)

जिस उपवाक्य की क्रिया मुख्य हो, उसे ही मुख्य उपवाक्य मानना चाहिए | वाक्य में मुख्य क्रिया को पहचानने का सबसे आसान तरीका यही है कि मिश्रवाक्य को (मिश्रवाक्य में ही आश्रित अंश हुआ करता है |) सरल वाक्य में रूपांतरित करके देखें कि वाक्य का कौन – सा भाग ज्यों-का-त्यों रह जाता है | जो भाग ज्यों-का-त्यों रह जाता है, वही मुख्य उपवाक्य होगा |

जैसे –

      मैंने सोचा भी नहीं था कि आज वह भी आएगा |

इस वाक्य का सरल रूप होगा –

      आज वह भी आएगा इस बारे में मैंने सोचा भी नहीं था |

हम देख रहे हैं कि ‘मैंने सोचा भी नहीं था – यह ज्यों-का-त्यों रह गया है | इस कारण यही अंश प्रधान या मुख्य उपवाक्य होगा |

नीचे लिखे वाक्यों में प्रयुक्त प्रधान उपवाक्यों को छांटकर लिखें :

1. मुझे विशवास है कि आप मान जाएंगे |

2. मोहन ने मुझसे कहा था कि वह बहुत दुखी है |

3. जो भाषण कर रहा है, वह हमारा मित्र है |

4. मैंने उसे पुकारकर कहा कि अभी उधर मत जाओ |

5. इन्हें क्षमा करें; क्योंकि इनसे अनजाने में भूल हुई है |

6. आप यहाँ के मुखिया हैं, कौन नहीं जानता ?

7. माता जब भी अपने एकमात्र पुत्र को देखती है तो उसका हृदय स्नेह से भर जाता है |

8. जो संतोषी होते हैं, वे कभी धन-संबंधी चिंताओं से पीड़ित नहीं होते |

9. जो व्यक्ति मधुरभाषी होता है, उसे सभी चाहते हैं |

10. मैंने वृन्दावन देखा है, यहाँ कृष्ण रासलीला किया करते थे |



आश्रित उपवाक्य तीन प्रकार के होते हैं –

1. संज्ञा उपवाक्य : वह उपवाक्य, जो संज्ञा की तरह प्रयुक्त हो यानी किसी-न-किसी काम या नाम को इंगित करे, ‘संज्ञा उपवाक्य कहलाता है |

संज्ञा उपवाक्य प्राय: ‘कि से जुड़ा रहता है |

नीचे लिखे वाक्यों में प्रयुक्त संज्ञा उपवाक्यों को रेखांकित करें –

1. प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं इस्तीफा देना चाहता हूँ |

2. हम सभी जानते हैं कि अभी विश्व में आर्थिक मंदी है |

3. आपको यह जानकार दुःख होगा कि आडवाणी इस बार भी चुनाव हार गए |

4. मुझे विशवास है कि आप जरूर आएँगे |

5. रहीम बोला कि मैं कल हैदराबाद जा रहा हूँ |

6. मेरे जीवन का लक्ष्य है कि मैं अध्यापक बनूँ |

7. रमेश ने कहा था कि कोलकाता में काफी गरीबी नहीं है |

8. गीता में कहा गया है कि कर्म पर ही मनुष्य का अधिकार है |

9. वह कहने लगा कि आज नहीं चल पाऊँगा |

10. मैं जानता हूँ कि वह क्या चाहता है |


2. विशेषण उपवाक्य : जब कोई उपवाक्य, मुख्या वाक्य की किसी संज्ञा के विशेषण का काम करे तब उसे ‘विशेषण उपवाक्य कहते हैं | विशेषण उपवाक्यों को ‘जो, ‘जैसा, ‘जितना, ‘जब, ‘जहाँ, ‘जिसे इत्यादि शब्दों से आरंभ करते हैं और मुख्य वाक्यों में उसके नित्य संबंधी शब्द लाते हैं | जैसे –

      वह अपने विद्यार्थी को जो भाग गया था, बहुत मानता है |

इस वाक्य में जो ‘जो भाग गया था विशेषण उपवाक्य है |

कभी-कभी ये नित्य शब्द लुप्त भी रहते हैं | जैसे –

      जिसकी लाठी उसकी भैंस |

निम्नलिखित वाक्यों में प्रयुक्त विशेषण उपवाक्यों को रेखांकित करें :

1. जो व्यक्ति गुणी होता है, उसे सभी चाहते हैं |

2. वह पुस्तक, जो आप चाहते हैं, लाइब्रेरी में नहीं है |

3. जो संतोषी होते हैं, वे कभी धन-संबंधी चिंताओं से पीड़ित नहीं होते |

4. वह अध्यापक था, जो कल यहाँ आया था |

5. मुझे एक व्यक्ति मिला, जो बहुत पढ़ा-लिखा था |

6. वह बीमार ठीक हो गया, जो कल अस्पताल में मिला था |

7. जो पढ़ा-लिखा नहीं है, उसका जीवन व्यर्थ है |

8. जो सदा सत्य बोलता है, उसी की जीत होती है |

9. जो छात्र परिश्रमी होता है, वह सदा सफल होता है |

10. जहाँ दो नदियाँ मिलती हैं, उस स्थान को संगम कहते हैं |

11. जिस रोगी के हाथ में पट्टी बंधी है, वह बस-दुर्घटना में घायल हुआ था |


3. क्रियाविशेषण उपवाक्य : जो उपवाक्य, प्रधान उपवाक्य की क्रिया के बारे में कोई सूचना दे यानी उसके काल, स्थान, रीति, परिमाण या परिणाम बताए, उसे ‘क्रियाविशेषण उपवाक्य कहते हैं | जैसे –

      (a) ज्योंही मैं स्टेशन पहुंचा, त्योंही गाड़ी खुल चुकी थी |

      (b) जहाँ तुम पढ़ते थे वहीँ मैं भी पढ़ता था |

      (c) मैंने वैसे ही किया जैसा आपने बताया था |

      (d) जैसे-जैसे आमदनी बढ़ती जाती है, वैसे-वैसे खर्च भी बढ़ता है |

      (e) यदि मैंने पढ़ा होता तो अवश्य सफल होता |

क्रियाविशेषण उपवाक्यों को जब, जहाँ, जिधर, त्यों, यदि, यद्यपि, कि आदि शब्दों से आरंभ करते हैं | इस कारण से उपर्युक्त वाक्यों में क्रियाविशेषण उपवाक्य हुए –

      (a) ज्योंही मैं स्टेशन पहुंचा |

      (b) जहाँ तुम पढ़ते थे |

      (c) जैसा आपने बताया था |

      (d) जैसे-जैसे आमदनी बढ़ती है और

      (e) यदि मैंने पढ़ा होता |


नीचे लिखे वाक्यों में प्रयुक्त क्रियाविशेषण उपवाक्यों को रेखांकित करें :

1. जहाँ-जहाँ वह गया, उसका बहुत सम्मान हुआ |

2. यदि परिश्रम करोगे तो अवश्य सफल होगे |

3. मैं भी वहीँ जा रहा हूँ, जहाँ से तुम आए हो |

4. जब पूछोगे तब बता दूंगा |

5. जब भी मैं वहां गया, उसने मेरा सत्कार किया |

6. जहां-जहां वह जाता है, वहां कोई-न-कोई समस्या खड़ी कर देता है |

7. माता जब भी अपने एकमात्र पुत्र को देखती है तब उसका हृदय स्नेह से भर जाता है |

8. जब मैं स्टेशन पहुंचा तब रेल छूट चुकी थी |

9. मैं ज्योंही घर पहुंचा, वर्षा होने लगी |

10. जैसा बोओगे वैसा ही काटोगे |

11. जहाँ कभी बंजर था, वहां अब सुंदर वन है |

12. जहाँ तक दृष्टि जाती है, वहां अँधेरा-ही-अँधेरा है |

13. ज्योंही किसी ने घंटी बजाई, चोर भाग गया |

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