पृथ्वी की आंतरिक संरचना कैसे बनी है
4. पृथ्वी की आंतरिक संरचना (internal structure of earth 'notes' in Hindi)
पृथ्वी की आंतरिक संरचना के सम्बन्ध में वैज्ञानिकों में मतभेद है | भू-गर्भ में पायी जाने वाली परतों की मोटाई, घनत्व, तापमान, भार एवं वहां पाए जाने वाले पदार्थ की प्रकृति पर अभी पूर्ण सहमति नहीं हो पायी है | फिरभी तापमान, दबाब, घनत्व, उल्काओं एवं भूकम्पीय तरंगो पर आधारित प्रमाणों को एकत्रित करके पृथ्वी की आंतरिक संरचना केसम्बन्ध में जानकारी प्राप्त करने के प्रयास किये गये हैं | पृथ्वी के अन्दर के हिस्से को तीन भागों में बांटा गया है
अर्थ इनर कोर |
1. भू-पर्पटी (Crust),
2. आवरण (Mantle) एवं
3. केन्द्रीय भाग (Core) |
भू-पर्पटी (Crust): पृथ्वी के उपरी भाग को 'भू-पर्पटी' कहते हैं | यह अन्दर की तरफ 34 किमी तक का क्षेत्र है | यह मुख्यत: 'बेसाल्ट' चट्टानों से बना है | इसके दो भाग हैं -1. सियाल (SiAl) और 2. सीमा (SiMa) | सियाल क्षेत्र में 'सिलिकन' एवं 'एलुमिना' तथा सीमा क्षेत्र में 'सिलिकन' एवं 'मैग्नेशियम' की बहुलता होती है | कर्स्ट भाग का औसत घनत्व -2.7 ग्राम/सेमी.³ है | यह पृथ्वी के कुल आयतन का 0.5% भाग घेरे हुए हैं |
भू-पटल की रचना-सामग्री: सबसे अधिक ऑक्सीजन (46.60%), दुसरे स्थान पर सिलिकन (27.72%) और तीसरे स्थान पर एल्युमिनियम (8.13%) है |
मेंटल (Mentle): 2,900 किमी मोटा यह क्षेत्र मुख्यत: बेसाल्ट पत्थरों के समूह की चट्टानों से बना है | Mentle के इस हिस्से में मैग्मा चैम्बर पाए जाते हैं | इसका औसत घनत्व 3.5 ग्राम/सेमी.³ से 5.5 ग्राम/सेमी.³ है | यह पृथ्वी के कुछ आयतन का 83% भाग घेरे हुए हैं |
कोनराड असंबद्धता: उपरी क्रस्ट एवं निचले क्रस्ट के बीच के सीमा क्षेत्र को कोनराडअसंबद्धता कहते हैं |
मोह्विसिक-डिस्कनटीन्यूटी (Mohovicic Discontinuity): क्रस्ट एंव मेंटल के बीच के सीमा-क्षेत्र को Mohovicic discountinuity कहते हैं |
रेपटी असंबद्धता: उपरी मेंटल एवं निचले के बीच के सीमा क्षेत्र को रेपटी असंबद्धता कहते हैं |
गुटेनबर्ग-विशार्ट-असंबद्धता: निचलेमेंटल तथा उपरी क्रोड के सीमा क्षेत्र को गुटेनबर्ग-विशार्ट-असंबद्धता कहते हैं |
लेहमेन-असंबद्धता: बाह्य क्रोड तथा आंतरिक क्रोड के सीमा क्षेत्र को 'लेहमेन-असंबद्धता' कहते हैं |
केन्द्रीय भाग (Core): पृथ्वी के 'केन्द्रीय भाग' (core) 'निकेल' व 'फेरस' का बना है | इसका औसत घनत्व 13 ग्राम/सेमी.³ है | पृथ्वी का केन्द्रीय भाग संभवत: द्रव अथवा प्लास्टिक अवस्था में है | यह पृथ्वी का कुल आयतन का 16% भाग घेरे हुए है |
पृथ्वी का औसत घनत्व 5.5 ग्राम/सेमी.³ एवं औसत त्रिज्या लगभग 6370 किमी है |
पृथ्वी के नीचे जाने पर प्रति 32 मीटर का गहराई पर तापमान 1°C बढ़ता जाता है |
पृथ्वी के स्थलीय क्षेत्र पर सबसे नीचा क्षेत्र जोर्डन में मृत सागर के आस-पास का क्षेत्र है | यह क्षेत्र समुद्रतल से औसतन 400 मीटर नीचा है |
सबसे पहले पाइथागोरस ने बताया की पृथ्वी गोल है और आकाश में स्वतंत्र रूप में लटकी हुई है | 'सर आइजक न्यूटन' ने साबित किया की पृथ्वी नारंगी के समान है |
जेम्स जीन' ने से नारंगी के बजाय नाशपाती के समान बतलाया |
पृथ्वी की बाह्य सतह को मुख्यत: 4 भागों में बाँट सकते है -
0 Response to "पृथ्वी की आंतरिक संरचना कैसे बनी है "
एक टिप्पणी भेजें