भारत के विभिन्न प्रदेशों और केंद्र शासित प्रदेशों में पाई जाने वाली जनजातियाँ
रविवार, 10 मई 2020
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राज्य/केंद्र शासित प्रदेश | वहां पाए जाने वाले जनजातियाँ |
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गुजरात | भील,बंजारा,कोली,पटेलिया,डाफर,टोड़िया | |
हिमाचल | गद्दी, कनौरा,लाहौली, आदि | |
जम्मू-कश्मीर और लद्दाख | बक्करवाल, गुज्जर, गद्दी, लद्दाखी आदि | |
केरल | कादर,उराली,मोपला,इरुला,पनियान आदि | |
मध्य प्रदेश | भील,लमबाड़ी, बंजारा, गोंड, अबूझमारिया, मुरिया, विशनहार्न, गोंड खेरबार असुर, वैगा,कोल, मुण्डा आदि | |
महाराष्ट्र | बराली,बंजारा, कोली, चितपावन, गोंड, अबुम्फामडिया |
मणिपुर | कुकी, मैटी या मैठी, नागा, अंगामी आदि | |
मेघालय | गारो, खासी, जयन्तिया, मिकिर आदि | |
मिजोरम | लाखर, पावो, मीजो, चकमा , लुशाई,कुकी आदि | |
नागालैंड | नागा, नबुई नागा, अंगामी, मिकिर आदि | |
उड़ीसा | जुआंग,खरिया,भुइआ, संथाल , हो, कोल , ओराँव, चेंचू, गोंड, सोंड डोंगरिया, कोंध, बोंड़ो (रेमो) आदि | |
राजस्थान | मीणा, सहरिया, सांसी, गरासिया, भील, बंजारा, कोली | |
सिक्किम | लेपचा, लिम्बू |
तमिलनाडु | बड़गा,टॉडकोटा, टोड़ा (नीलगिरी की मूल जनजाति),| |
त्रिपुरा | रियांग अथवा त्रिपुरी आदि | |
उतराखंड | थारू, कोय, मारा,निति,भोट अथवा भोटिया, (गढ़वाल और कुमायूं क्षेत्र), खास (जौनसर बाबर क्षेत्र में), आदि | |
प०बंगाल | लोघा, भूमिज , संथाल , लेपचा, लिम्बू (दार्जिलिंग क्षेत्र में ), आदि | |
असम | राभा, दिमारा, कोछारी वोडो, अबोर, आवो, मिकिर, कार्बो, नागा, लुसाई आदि | |
आंध्रप्रदेश | चेन्चुस, कौढस सवारा, गदवा, गोंड आदि | |
अरुणाचल प्रदेश | मोम्पा, डबला, सुलुंग, मिश्मी, मिनयोंग, मिरिगेलोंग, अपतनी, मेजी आदि | |
झारखण्ड | संथाल, मुंडा, हो, ओराँव, बिरहोर, कोंरवा,असुर, भुइया, गोंड, सौरिया , भूमिज आदि | |
लक्षद्वीप | वासी |
अंडमान-निकोबार | औजें, जारवा, जरना, सेंटलीज, अंडमानी, निकोबारी, आदि | |
• जनजातीय विकास विभाग भारत सरकार के अनुसार भारत में जनजातीय समुदायों की संख्या 550 है |
• 2011 के जनगणना के अनुसार जनजातियों की जनसंख्या सम्पूर्ण भारत की जनगणना के 8.6% है |
• जनसंख्या की दृष्टि से मध्यप्रदेश (1,53,16,784) सबसे अधिक जनजातीय जनसंख्या वाला राज्य है | वहीं मिजोरम (94.4%) प्रतिशतता की दृष्टि से बड़ा जनजातीय जनसंख्या बाला राज्य है |
• संविधान के 89वां संशोधन (2003) के द्वारा एक राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग (अनु. 338-क) की स्थापना की व्यवस्था की गई है | इस आयोग के प्रथम अध्यक्ष यू,एस. ढेबर को बनाया गया |
• ठक्करबापा का आदिवासियों के मसीहा के उपनाम से जाना जाता है |
• भारत की सर्वाधिक आद्य जनजाति (Primitive tribe) गोंड है जो भारत की सर्वाधिक बड़ी जनजाति है |
• शोम्पेन जनजाति निकोबार द्वीप समूह में पायी जाती है |
• टोडा जनजाति नीलगिरी की पहाड़ियों पर निवास करती है |
• थारू जनजाति दीपावली को शोक त्यौहार के रूप में मानती है |
• मिथन त्यौहार नागा जनजाति का है |
• नायर जनजाति में परिदर्शक पति (visiting husband) की अवधारणा पाई जाती है |
• टोडा जनजाति पशुपालक है तथा भैंस पालने का काम करती है |
• संथाली लोग पुजारी को नायक कहते है |
• हो, ऊराँव एवं मुण्डा जनजातियों में धार्मिक पुरुष को पाहन कहते है जबकि छतीसगढ़ के गोंड उन्हें बैगा और केरल के कन्निकर एवं युराली उन्हें प्लाथी कहते है |
• जनजातियों की शैक्षणिक संस्था को युवा गृह कहा जाता है |
• नाच-गाकर अपनी जीविका कमाने वाली दक्षिणी राजस्थान की जनजाति गरासिया है |
• चंग्पा या चंपा समुदाय मुख्य रूप से लद्दाख जम्मू-कश्मीर में पाया जाने वाला एक अर्द्ध खानाबदोश तिब्बती लोगों का समुदाय है | भारत सरकार ने इन्हें अनुसूचित जनजाति के रूप में सूचीबद्ध किया है | ये घुमन्तु लोग जीवन यापन के लिए अच्छे किस्म का ऊन देने वाले पश्मीना बकरे-बकरियों को पालते है |
• आदिवासियों का प्रमुख पर्व सरहुल चैत्र शुक्ल तृतीया को मनाया जाता है |
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