भारत के राष्ट्रपिता मोहनदास करमचंद गांधी अर्थात महात्मा गांधी के जीवन तथा उनके आंदोलन से जुड़ी दिलचस्प जानकारी
#History of Mahatma Gandhi
भारत के राष्ट्रपिता मोहनदास करमचंद गांधी अर्थात महात्मा गांधी के जीवन तथा उनके आंदोलन से जुड़ी दिलचस्प जानकारी.
+> 1915 में गांधी दक्षिण अफ्रीका से भारत वापस लौट आये. इस समय तक गांधी एक राष्ट्रवादी नेता और संयोजक के रूप में पहचान बना चुके थे |
+> महात्मा गांधी गोपाल कृष्ण गोखले के कहने पर भारत आये थे |
+> गाँधी 24 साल की उम्र में दक्षिण अफ्रीका पहुंचे. उन्होंने अपने जीवन के 21 साल दक्षिण अफ्रीका में बिताये |
#important events of Mahatma Gandhi in Hindi
पूरा नाम – मोहनदास करमचंद गांधी
जन्म – 2 अक्टूबर 1869
जन्मस्थान – पोरबंदर (गुजरात)
पिता – करमचंद गाँधी
माता – पुतलीबाई
पत्नी का नाम - कस्तूरबा माखन
महात्मा गाँधी जी के बच्चों के नाम - हीरालाल गांधी , मणिलाल गांधी, रामदास गांधी और देवदास गांधी
दक्षिण अफ्रीका से वापसी :- वर्ष 1915
मृत्यु – 30 जनवरी 1948
#Gandhiji ke andolan ki list
महात्मा गांधी द्वारा किये गये महत्वपूर्ण आन्दोलन जो उन्होंने दक्षिण अफ्रीका से लौटने के बाद किये |
गाँधी जी से जुड़े प्रमुख आंदोलन :
चम्पारण आन्दोलन कब और क्यों हुआ ?
=> चंपारण आंदोलन :- 1917 में चंपारण आंदोलन चलाया गया.यह आंदोलन बिहार के चंपारण जिले में चलाया गया था. यह आंदोलन जमींदारों द्वारा किसानों पर हो रहे अत्याचार के विरोध में चलाया गया था. जमींदार किसानों को नील की खेती करने के लिए मजबूर कर रहे थे और उन्हें एक निश्चित मूल्य पर बेचने के लिए विवश कर रहे थे.
खेड़ा सत्याग्रह कब और क्यों हुआ ?
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खेड़ा सत्याग्रह :- सन 1918 में गुजरात के खेड़ा नामक गांव में बाढ़ आ गई तथा किसानों की फसल तबाह हो गई. जिससे किसान ब्रिटिश सरकार द्वारा लगाए जाने वाले टैक्स भरने में असमर्थ हो गए. किसानों ने गांधी जी से मदद मांगी और ये सत्याग्रह सफल भी हुआ |
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असहयोग आंदोलन कब और क्यों हुआ था ?
=>असहयोग आंदोलन :-असहयोग आंदोलन सितंबर 1920 में चलाया गया.रौलट एक्ट के विरोध में 13 अप्रैल 1919 को पंजाब के जलियांवाला बाग में एक सभा बुलाई गई |उस समय के ब्रिटिश जनरल डायर ने वहां आकर लोगों पर गोलाई चलाई जिसके विरोध में यह आन्दोलन हुआ |असहयोग आंदोलन 1920 से लेकर 1922 तक चला.1922 में चौरा चौरी कांड के कारण गांधी जी को असहयोग आंदोलन को वापस लेना पड़ा
*रॉलेट एक्ट क्या है ?
*रॉलेट एक्ट की स्थापना Establishment of the Rowlatt Act. मार्च 1919 में रॉलेट एक्ट में भारत में राज कर रही ब्रिटिश सरकार द्वारा भारत में उभर रहे राष्ट्रीय आंदोलन को ख़त्म करने के उद्देश्य से यह कानून बनाया गया था। यह कानून 'सर सिडनी आर्थर टेलर रॉलेट' की अध्यक्षता वाली समिति की शिफारिशों के आधार पर बनाया गया था।की स्थापना Establishment of the Rowlatt Act. मार्च 1919 में रॉलेट एक्ट में भारत में राज कर रही ब्रिटिश सरकार द्वारा भारत में उभर रहे राष्ट्रीय आंदोलन को ख़त्म करने के उद्देश्य से यह कानून बनाया गया था। यह कानून 'सर सिडनी आर्थर टेलर रॉलेट' की अध्यक्षता वाली समिति की शिफारिशों के आधार पर बनाया गया था।
*चौरा चौरी कांड क्या है
* चौरा चौरी कांड :- चौरी चौरा, उत्तर प्रदेश में गोरखपुर के पास का एक कस्बा है जहाँ 5 फ़रवरी 1922 को भारतीयों ने ब्रिटिश सरकार की एक पुलिस चौकी को आग लगा दी थी जिससे उसमें छुपे हुए 22 पुलिस कर्मचारी जिन्दा जल के मर गए थे। इस घटना को चौरीचौरा काण्ड के नाम से जाना जाता है।
नमक सत्याग्रह/ दांडी मार्च क्या है ?
=>नमक सत्याग्रह/ दांडी मार्च :- 12 मार्च 1930 को महात्मा गांधी ने नमक पर टैक्स लगाने के अंग्रेजों के फैसले के खिलाफ अहमदाबाद में साबरमती आश्रम से नमक सत्याग्रह की शुरुआत की। गांधी जी अपने 72 अनुयायियों के साथ साबरमती आश्रम से पैदल चलकर 24 दिनों में 240 किलोमीटर की यात्रा पूरी कर दांडी गांव समुन्दर तट पर पहुंचे.यह पहली राष्ट्रवादी गतिविधि थी, जिसमें औरतों ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया. समाजवादी कार्यकर्ता कमलादेवी चट्टोपाध्याय ने गाँधीजी को समझाया कि वे अपने आंदोलनों को पुरुषों तक ही सीमित न रखें. कमलादेवी खुद उन असंख्य औरतों में से एक थीं, जिन्होंने नमक या शराब क़ानूनों का उल्लंघन करते हुए सामूहिक गिरफ़्तारी दी थी.
भारत छोड़ो आंदोलन कब हुआ ?
=>भारत छोड़ो आंदोलन :- भारत छोड़ो आन्दोलन, द्वितीय विश्वयुद्ध के समय 9 अगस्त 1942 को आरम्भ किया गया था जिसे अगस्त क्रांति भी बोला जाता है। इस आन्दोलन का लक्ष्य भारत से ब्रितानी साम्राज्य को समाप्त करना था।भारत छोड़ो आन्दोलन के दौरान ‘भारत छोड़ो’ और ‘करो या मरो’ भारतीय लोगों का नारा बन गया।
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