विशेषणों की तुलना (Comparison of Adjectives)

 प्रविशेषण या अंतरविशेषण

विशेषण की तुलना
विशेषण की तुलना


      विशेषण तो किसी संज्ञा अथवा सर्वनाम की विशेषता बताता है; परन्तु कुछ शब्द विशेषण एवं क्रियाविशेषण (Adverb) की विशेषता बताने के कारण ‘प्रविशेषण या अंतरविशेषण कहलाते हैं | नीचे लिखे उदाहरणों को ध्यानपूर्वक देखें –

1. विश्वजीत डरपोक लड़का है | (विशेषण)

   विश्वजीत बड़ा डरपोक लड़का है | (प्रविशेषण)

      2. सौरभ धीरे-धीरे पढ़ता है | (क्रियाविशेषण)

         सौरभ बहुत धीरे-धीरे पढ़ता है | (प्रविशेषण)

उपर्युक्त वाक्यों में ‘बड़ा, ‘डरपोक विशेषण की और ‘बहुत शब्द ‘धीरे-धीरे क्रिया विशेषण की विशेषता बताने के कारण ‘प्रविशेषण हुए |

नीचे लिखे वाक्यों में प्रयुक्त प्रविशेषण को रेखांकित करें :

1. बहुत कड़ी धूप है, थोड़ा आराम तो कर लीजिए |

2. पिछले साल बहुत अच्छी वर्षा होने के कारण फसल भी काफी अच्छी हुई |

3. ऐसा अवारा लड़का मैंने कहीं नहीं देखा है |

4. वह किसान काफी मेहनती और धनी है |

5. बहुत कमजोर लड़का काफी सुस्त हो जाता है |

6. गंगा का जल अब बहुत पवित्र नहीं रहा |

7. चिड़िया बहुत मधुर स्वर में चहचहा रही है |

8. बचपन बड़ा उम्दा होता है |

9. साहस जिन्दगी का सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण गुण है |

10. हंसती-मुस्कराती प्राकृतिक सुषमा कितनी प्रदूषित हो चुकी है |

 

विशेषणों की तुलना (Comparison of Adjectives)

      “जिन विशेषणों के द्वारा दो या अधिक विशेष्यों के गुण-अवगुण की तुलना की जाती है, उन्हें ‘तुलनाबोधक विशेषण कहते हैं |”

      तुलनात्मक दृष्टि से एक ही प्रकार की विशेषता बताने वाले पदार्थों या व्यक्तियों में मात्रा का अंतर होता है | तुलना के विचार से विशेषणों की तीन अवस्थाएं होती है –

1. मूलावस्था (Positive Degree) :

 इसके अंतर्गत विशेषणों का मूल रूप आता है | इस अवस्था में तुलना नहीं होती, सामान्य विशेषताओं का उल्लेख मात्र होता है | जैसे –

      अंशु अच्छी लड़की है |

      आशु सुंदर है |

2. उत्तरावस्था (Comparative Degree) : 

जब दो व्यक्तियों या वस्तुओं के बीच अधिकता या न्यूनता की तुलना होती है, तब उसे विशेषण की उत्तरावस्था कहते हैं | जैसे –

      अंशु आशु से अच्छी लड़की है |

      आशु अंशु से सुंदर है |

उत्तरावस्था में केवल तत्सम शब्दों में ‘तर प्रत्यय लगाया जाता है | जैसे –

      सुंदर + तर > सुंदरतर

      महत + तर > महत्तर

      लघु + तर > लघुतर

      अधिक + तर > अधिकतर

      दीर्घ + तर > दीर्घतर

हिंदी में उत्तरावस्था का बोध कराने के लिए ‘से और ‘में चिह्न का प्रयोग किया जाता है | जैसे –

      बच्ची फूल से भी कोमल है |

      इन दोनों लड़कियों में वह सुंदर है |

विशेषण की उत्तरावस्था का बोध कराने के लिए ‘के अलावा, ‘की तुलना में, ‘के मुकाबले’ आदि पदों का प्रयोग भी किया जाता है | जैसे –

      पटना के मुकाबले जमशेदपुर अधिक स्वच्छ है |

      संस्कृत की तुलना में अंग्रेजी कम कठिन है |

      आपके अलावा वहां कोई उपस्थित नहीं था |

3. उत्तमावस्था (Superlative Degree) : 

यह विशेषण की सर्वोत्तम अवस्था है | जब दो से अधिक व्यक्तियों या वस्तुओं के बीच तुलना की जाती है और उनमें से एक को श्रेष्ठता या निम्नता दी जाती है, तब विशेषण की उत्तमावस्था कहलाती है | जैसे –

      कपिल सबसे या सबों में अच्छा है |

      दीपू सबसे घटिया विचारवाला लड़का है |

तत्सम शब्दों की उत्तमावस्था के लिए ‘तम प्रत्यय जोड़ा जाता है | जैसे –

      सुंदर + तम > सुन्दरतम

      महत + तम > महत्तम

      लघु + तम > लघुतम

      अधिक + तम > अधिकतम

      श्रेष्ठ + तम > श्रेष्ठतम

 ‘श्रेष्ठ, के पूर्व, ‘सर्व जोड़कर भी इसकी उत्तमावस्था दर्शाई जाती है | जैसे –

      नीरज सर्वश्रेष्ठ लड़का है |

फ़ारसी के ‘ईन प्रत्यय जोड़कर भी उत्तमावस्था दर्शाई जाती है | जैसे –

      बगदाद बेहतरीन शहर है |


यह भी जानना जरुरी .....विशेषण किसे कहते हैं और विशेषण के कितने भेद हैं 

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