कोविड-19 डेल्टा प्लस वैरिएंट क्या है
कोविड-19 डेल्टा प्लस वैरिएंट क्या है
"यह Sars-CoV-2 का एक नया म्यूटेंट स्ट्रेन है| आसान शब्दों में कहा जाए तो यह Sars-CoV-2 की अगली पीढ़ी है| विशेषज्ञों का मानना है कि डेल्टा प्लस ने संचरण क्षमता में वृद्धि की है लेकिन यह अभी भी बहुत स्पष्ट नहीं है कि अन्य वेरिएंट की तुलना में यह नया स्ट्रेन कितना खतरनाक है। इसे डेल्टा या बी.1.617.2 संस्करण में उत्परिवर्तन के परिणामस्वरूप नया डेल्टा प्लस संस्करण बनाया गया है।"
covid-19 Delta plus variant |
पहली बार डेल्टा प्लस वैरिएंट कहाँ पाया गया
👉पहली बार इस वैरिएंट को यूरोप मार्च 2021 में नोटिस किया गया था, जिसके बाद लगातार यह वैज्ञानिकों की निगरानी में था |
👉इस वर्ष मार्च के अंत में, इस जीनोम का सबसे पहला क्रम पाया गया।
👉लोगों को इसकी जानकारी हाल ही में जून में हुई है|
भारत में डेल्टा प्लस वैरिएंट की शुरुवात
👉पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड (पीएचई) के अनुसार, डेल्टा प्लस 7 जून तक भारत से करीब 6 जीनोम में मौजूद था।
👉भारत में, इस समय वैरिएंट फ़्रीक्वेंसी बहुत अधिक नहीं है। अनुक्रम ज्यादातर अमेरिका, यूरोप और एशिया जैसे विभिन्न देशों से हैं।
डेल्टा प्लस वैरिएंट के लक्षण (What are the symptoms of Covid-19 Delta Plus Variant)
• बुखार
• सिरदर्द।
• गले में खरास,
• बहती नाक
क्या डेल्टा प्लस के खिलाफ कोविड -19 वैक्सीन प्रभावी है?
इस विषय में वैज्ञानिकों ने किसी भी निष्कर्ष तक पहुंचने के लिए जल्दबाजी करने से इन्कार किया है| वैज्ञानिकों का कहना है कि बिना एक विस्तृत अध्ययन के टीकों की प्रभावशीलता की भविष्यवाणी करना जल्दबाजी होगी | हालांकि, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण ने कहा है कि भारतीय टीके, कोविशील्ड और कोवैक्सिन दोनों डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ प्रभावी हैं। वैज्ञानिकों का मानना यह भी है कि यह वैरिएंट कोरोना वायरस की तीसरी लहर को पैदा कर सकता है|
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