एकार्थक प्रतीत होने वाले भिन्नार्थक शब्द
एकार्थक प्रतीत होने वाले भिन्नार्थक शब्द
भाषा में कुछ ऐसे शब्द भी देखे जाते हैं, जो समानार्थक प्रतीत होते हैं; जबकि ऐसी बात होती नहीं है | इनमें
भारी भिन्नता होती है | ये अलग-अलग अर्थों के द्योतक होते हैं | हमें ऐसे शब्दों
के प्रयोग पर ध्यान देना चाहिए; अन्यथा अर्थ का अनर्थ हो सकता है और हम हंसी के पात्र हो सकते हैं |
एकार्थक प्रतीत होने वाले भिन्नार्थक शब्द |
कल्पना कीजिए : किसी ने आपको आमंत्रित किया/इसका मतलब आप यह न मान
बैठें कि आपके खाने-पीने की पूर्ण व्यवस्था है | हाँ, हल्का-फुल्का नाश्तादि जरूर मिलेगा |
पूर्णत: खाने-पीने का इंतजाम तभी किया जाएगा जब आपको निमंत्रित किया जाएगा | है न
फर्क ‘आमंत्रण’ और ‘निमंत्रण’ में ? नीचे कुछ उदाहरण दिए जा रहे हैं, इन्हें समझने का प्रयास करें –
इस समय मेरी आयु 43 वर्ष है |
इस समय मेरी उम्र 43 वर्ष है |
नोट
: ‘आयु’ जीवन की पूरी गणना होती है, जबकि ‘उम्र’ जीवन के अबतक के बीते समय का बोधक है | अतएव, पहला वाक्य अशुद्ध है |
अगर उसी वाक्य को इस तरह लिखा जाए :
’43 वर्ष की आयु में ही वे कूच कर गए’ तो शुद्ध माना जाएगा |
इसी
तरह इन वाक्यों को देखें और भाव का पता करें –
1. हमको है अभिमान देश का
हमको है अहंकार देश का
2. उसने बिजली का तार काटकर बड़ा ही पाप किया
है |
उसने बिजली का तार काटकर बड़ा ही अपराध किया
है |
3. वह ईश्वर की बड़ी श्रद्धा करता है |
वह ईश्वर की बड़ी भक्ति करता है |
4. हीरा अमूल्य होता है |
हीरा बहुमूल्य होता है |
5. पति की मृत्यु पर वह प्रलाप कर रही है |
पति की मृत्यु पर वह विलाप कर रही है |
विवेचन
: प्रथम जोड़े का पहला वाक्य शुद्ध है; क्योंकि ‘अभिमान’ का अर्थ है : सच्चा गर्व और ‘अहंकार’ का अर्थ है : झूठा घमंड, हर व्यक्ति को निज देश पर अभिमान ही होता है, अहंकार नहीं |
द्वितीय जोड़े का दूसरा वाक्य शुद्ध है |
बिजली का तार राष्ट्र की सम्पत्ति है | राष्ट्रीय सम्पत्ति को चुराना या क्षति
पहुंचाना गैर कानूनी है | गैर कानूनी कार्य करना ‘अपराध’ माना जाता है न कि पाप | ‘पाप’ तो धर्म-विरुद्ध कार्य के लिए
प्रयुक्त होता है |
तृतीय जोड़े का दूसरा वाक्य शुद्ध है; क्योंकि ईश्वर की भक्ति की जाती है न
कि श्रद्धा |
चतुर्थ जोड़े का भी दूसरा वाक्य सही है; क्योंकि ‘हीरा’ बहुत कीमती होता है | ‘अमूल्य’ तो उसके लिए प्रयुक्त होता है जिसका
मूल्य आंका ही नहीं जा सकता |
और पंचम जोड़े का भी दूसरा वाक्य ही शुद्ध है
| परिजन की मौत पर विलाप किया जाता है न की प्रलाप |
नीचे
इसी तरह के शब्दों की सूची और उनके प्रयोगार्थ दिए जा रहे हैं –
अबला - सभी
स्त्रियों के लिए प्रयोग
निर्बला - कमजोर
स्त्रियों के लिए
अभिमान - सच्चा
गर्व
अहंकार - झूठा
घमंड
दर्प - नियम
विरुद्ध काम करने पर भी घमंड
घमंड - हर
परिस्थिति में स्वयं को महान और दूसरों को तुच्छ मानना
अवस्था - जीवन
के कुछ बीते समय (उम्र)
आयु - जीवन
की पूरी गणना
अलौकिक - उत्तम
गुणवाला
अस्वाभाविक - प्रकृति-विरुद्ध
ईर्ष्या - दूसरों
की उन्नति से जलना
द्वेष - वैर-भाव
(दुश्मनी का भाव)
उद्योग - उद्यम, परिश्रम
उपाय - समस्या
सुलझाना
कृपा - किसी
के कष्ट को दूर करने की साधारण चेष्टा करना
दया - दीन-दुखी
पर पिघलना अथवा दुखियों के दुःख दूर करने की स्वाभाविक इच्छा
खेद - मन
का खिन्न होना
शोक - मृत्यु
आदि अफ़सोस
कष्ट - साधारण
तकलीफ
दुःख - तन-मन-आत्मा
की तकलीफ
निर्णय - फैसला
करना
न्याय - इन्साफ
करना
प्रेम - पति-पत्नी
या ईश्वर से
स्नेह - अपने
से छोटे के प्रति
प्रणव - सख्यभाव
मिश्रित अनुराग
देखना - सामान्य
अर्थ में
दर्शन
करना - सम्मान
अर्थ में
भिन्न - अलग
होना
विपरीत - उल्टा
होना
भ्रम - जो
नहीं है उसे मान बैठना (सांप को रस्सी या रस्सी को सांप)
संदेह - दुविधा
होना (सांप है या रस्सी पता नहीं)
मूर्ख - जड़
बुद्धि का
अनभिज्ञ - जिसे
पता न हो
अज्ञात - जिसका
पता न हो
अपरिचित - नावाकिफ
स्त्री - संपूर्ण
नारी जाति के लिए
पत्नी - किसी
की विवाहिता के लिए
लज्जा - शर्म
(साधारण अर्थ में)
ग्लानि - किसी
पाप या अपराध का अफ़सोस
शंका - शक
आशंका - जान
जाने का खतरा
भय - सामान्य
डर
त्रास - भयंकर
डर
वेदना - शारीरिक
कष्ट
व्यथा - मानसिक
कष्ट
सैकत - नदी
तट की रेतीली भूमि
पुलिन - नदी
तट की गीली भूमि
कलंक - भारी
दोष लगना
अपयश - अपकीर्ति
परिचर्या - रोगी
की सेवा
सेवा - किसी
की भी
प्रतिदान - बदले
में कुछ देना
अनुदान - आर्थिक
सहायता
अनुग्रह - कृपा
(किसी छोटे पर)
अनुकम्पा - बहुत
बड़ी कृपा
आदरणीय - बड़ों/महान
व्यक्तियों के लिए
पूजनीय - पिता, गुरु तथा महान के लिए
इच्छा - साधारण
चाह
अभिलाषा - हार्दिक
चाह
उत्साह - काम
करने की बढ़ती रूचि
साहस - भय
पर विजय पाना
कंगाल - जो
पेट के लिए भीख मांगे
दीन - अति
निर्धन जो दया का पात्र हो
ग्रन्थ - बड़ा
और गंभीर विषयवाली पुस्तक
पुस्तक - सामान्य
किताब
दक्ष - हाथ
से किये जाने वाले कामों के लिए
निपुण - किसी
कार्य में पूरी जानकारी वाला
कुशल - हर
काम में मानसिक और शारीरिक शक्तियों का अच्छी तरह से प्रयोग करने वाला
कर्मठ - किसी
काम पर लगे रहने वाला
निबंध - विषय
गौण और लेखक की शैली प्रधान
लेख - विषय
की प्रधानता वाली गद्य रचना
निधन - महान
व्यक्तियों के लिए
मृत्यु - सामान्य
लोगों के लिए
निकट - सामीप्य
का बोध
पास - अधिकार
के सामीप्य का बोध
प्रणाम - बड़ों
के लिए
नमस्कार - बराबरवालों
के लिए
नमस्ते - बराबरवालों
के लिए
पारितोषिक - किसी
प्रतियोगिता में विजयी को
पुरस्कार - किसी
अच्छे काम के लिए
पुत्र - अपना
बेटा
बालक - कोई
लड़का
बड़ा - आकार
में
बहुत - परिमाण
(मात्रा) के लिए
बुद्धि - प्रज्ञा
कर्त्तव्य का निश्चय करती है
ज्ञान - इन्द्रियों
द्वारा प्राप्त अनुभव
मित्र - वह
पराया, जिसके साथ आत्मीयता हो गई हो
बन्धु - आत्मीय
मित्र
साथी - जो
जीवन भर साथ निभाए
मन - जहाँ
बातों का स्मरण-विस्मरण हो
महाशय - सामान्य
लोगों के लिए
महोदय - बड़ों
या अधिकारियों के लिए
यंत्रणा - असह्य
दुःख (मानसिक) का अनुभव
यातना - शारीरिक
कष्ट जो आघातादि से उत्पन्न हो
विषाद - अतिशय
दुखी होना
व्यथा - किसी
आघात के कारण मानसिक या शारीरिक कष्ट
सेवा - गुरुजनों
के लिए
शुश्रूषा - दीन-दुखियों
और रोगियों के लिए
साधारण - जो
वस्तु या व्यक्ति एक ही आधार पर आश्रित हो | जिसमें कोई विशिष्ट गुण या चमत्कार न
हो |
सामान्य - जो
बात दो या कई वस्तुओं तथा व्यक्तियों में समान रूप से पाई जाती हो
स्वतंत्रता - व्यक्तिगत/व्यक्तियों
के लिए
स्वाधीनता - देश/राष्ट्र
के लिए (सामूहिक आजादी)
सखा - जो
दो शरीर एक प्राण हो (चोली-दामन का संबंध)
सुहृद - अच्छा
हृदयवाला
सहानुभूति - दूसरे
के दुःख को निज दुःख मानना
स्नेह - छोटे
के प्रति प्रेम भाव रखना
सम्राट - राजाओं
का राजा
राजा - साधारण
नृप
अगोचर - जिसे
इन्द्रियों द्वारा नहीं प्रज्ञा द्वारा जाना जाए
अज्ञेय - जिसका
बोध असंभव हो
अनुरूप - रूप
के अनुसार
अनुकूल - अपने
पक्ष के मुताबिक़
अनुभव - अभ्यासादि
द्वारा प्राप्त ज्ञान
अनुभूति - चिंतन-मननादि
द्वारा आंतरिक ज्ञान
अभिज्ञ - अनेक
विषयों का ज्ञानी
विज्ञ - किसी
ख़ास विषय का ज्ञानी
अनबन - दो
व्यक्तियों का आपस में न बनना
खटपट - दो
पक्षों के बीच झगड़ा
अमूल्य - जिसकी
कीमत कोई न दे सके
दुर्मूल्य - जिसका
मूल्य हैसियत से ज्यादा हो
बहुमूल्य - बहुत
मूल्यवाला
अर्पण - अपने
से बड़ों के लिए
प्रदान - बड़ों
की ओर से छोटों को
अन्वेषण - अज्ञात
पदार्थ स्थानादि का पता लगाना
अनुसंधान - छानबीन, जांच-पड़ताल
गवेषणा - किसी
गूढ़ विषय की मूल स्थिति जानने के लिए गंभीर अध्ययन, मननादि
अनुराग - किसी
पदार्थ पर शुद्धभाव से मन केन्द्रित करना
आसक्ति - मोहजनित
प्रेम
अशुद्धि - लायी
गई भूल
भूल - अपने-आप
आई भूल
गलती - अनजाने
या असावधानी के कारण भूल
आधि - मानसिक
कष्ट
व्याधि - शारीरिक
कष्ट
अनुरोध - बराबर
वालों के लिए
प्रार्थना - ईश्वर
या बड़ों के लिए
अस्त्र - फेंककर
चलाए जाने वाले हथियार
शस्त्र - हाथ
में रखकर चलाए जाने वाले हथियार
अंत:करण - विशुद्ध
मन से विवेकपूर्ण शक्ति
आत्मा - अनश्वर, जीवों में चेतन
अध्यक्ष - किसी
गोष्ठी या समिति का स्थायी प्रधान
सभापति - किसी
गोष्ठी का अस्थायी प्रधान
अर्चना - धूप-दीप-फूल
आदि से पूजन
पूजा - बिना
किसी सामग्री के पूजन
अभिनन्दन - किसी
श्रेष्ठ का स्वागत
स्वागत - अपनी
सभ्यता-संस्कृति से संबंधित किसी को सम्मान देना
आदि - साधारणत:
एक या दो उदाहरण के बाद प्रयुक्त
इत्यादि - पूरे
उदाहरण के बाद प्रयुक्त
आज्ञा - पूज्य
व्यक्ति द्वारा दिया गया कार्य-निर्देश
आदेश - किसी
अधिकारी द्वारा दिया गया कार्य-निर्देश
आह्लाद - वह
प्रसन्नता, जो क्षणिक, पर तीव्र भावों से संबंधित हो
उल्लास - किसी
अभिलषित पदार्थ की प्राप्ति की आशा में जो आनंदानुभूति हो
आगामी - आगे
आने वाला समय
भावी - भविष्य
का बोधक
आराधना - किसी
देवता या गुरुजन के समक्ष दया याचना
उपासना - अपने
इष्टदेव से किसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए एक निष्ठ साधना करना
उपकरण - वह
सामग्री जो किसी कार्य की सिद्धि के लिए जुटायी जाती है
उपादान - किसी
पदार्थ के निर्माण करने की सामग्री
उदाहरण - किसी
बात को सिद्ध करने के लिए दिया गया प्रमाण
दृष्टांत - किसी
बात की परिपुष्टि के लिए दिया गया तथ्य
संकोच - किसी
काम के करने में हिचक होना
व्रीडा - स्वाभाविक
लज्जा होना
अभिनेत्री - रंगमंच
पर नारी की भूमिका अदा करने वाली
नायिका - नाटक
या उपन्यास की मुख्य नारी
त्रुटि - कमी
का भाव प्रकट होना
दोष - उचित-अनुचित
का भाव
क्रान्ति - जनसाधारण
द्वारा शासन को उलटने के लिए किया गया संघर्ष
विद्रोह - शासन
के विरुद्ध कार्य
स्वच्छंदता - नियम
पालन नहीं कर स्वच्छंद रहना
विच्छृंखलता - उद्दण्डता
वंदना - देव
बुद्धि से स्तुति करते हुए हाथ जोड़कर प्रणाम करना
प्राणिपात - चरणों
को इस प्रकार छूना जिसमें नाक, घुटने और वक्षस्थल भी धरती का स्पर्श कर रहे हों
आमंत्रण - किसी
समारोह में सम्मिलित होने के लिए सामान्य बुलावा
निमंत्रण - भोजनादि
के लिए विशेषण बुलावा
ऋषि - सत्य
का साक्षात्कार, आविष्कार करने वाला
मुनि - सत्य
का मनन करने वाला
संत - पवित्र, निष्काम, निर्विरोध, जीवन जीने वाला
बड़ाई - प्रशंसा
बड़प्पन - महत्ता, स्वभाव की उच्चता
बड़ापन - अकार
में बड़ा होना
बचपन - बच्चे
की अवस्था
लड़कपन - बच्चों-जैसा
स्वभाव
धन्यवाद - किसी
की सहायता पाकर उसके प्रति कृतज्ञता का भाव प्रकट करना
स्वागत - किसी
के आने पर उसके प्रति सम्मान और प्रसन्नता प्रकट करना
बधाई - किसी
की उपलब्धि से अपनी प्रसन्नता प्रकट करते हुए उसकी उन्नति की शुभकामना
सहयोग - किसी
काम को मिल-जुलकर करना
सहायता - किसी
काम में मदद करना/हाथ बंटाना
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