लोकसभा किसे कहते हैं | what is Loksabha in Hindi

लोकसभा किसे कहते हैं 

Loksabha Kise kahte hain

लोकसभा
लोकसभा संसद का प्रथम या निम्न सदन है , जिसका सभापतित्व करने के लिए एक अध्यक्ष होता है | लोकसभा अपनी पहली बैठक के पश्चात यथाशीघ्र अपने दो सदस्यों को अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के रूप में चुनती है |
मूल संविधान में लोकसभा की सदस्य संख्या 500 निश्चित की गयी है | अभी इसके सदस्यों की अधिकतम सदस्य संख्या 552 हो सकती है | इनमें से अधिकतम 530 सदस्य राज्यों के निर्वाचन क्षेत्रों से व् अधिकतम 20 सदस्य संघीय क्षेत्रों से निर्वाचित किये जा सकते हैं एवं राष्ट्रपति आंग्ल - भारतीय वर्ग के अधिकतम दो सदस्यों का मनोनयन कर सकते हैं | वर्तमान में लोकसभा की सदस्य संख्या 545 है | इन सदस्यों में 530 सदस्य 28 राज्यों से 13 सदस्य 7 केंद्र शासित प्रदेशों से निर्वाचित होते हैं तथा दो सदस्य आंग्ल भारतीय वर्ग के प्रतिनिधि के रूप में राष्ट्रपति द्वारा मनोनीत होते हैं | (अनुच्छेद 331)
नये परिसीमन के बाद लोकसभा में अनुसूचित जातियों के लिए 84 स्थान एवं अनुसूचित जनजाति के लिए 47 स्थान आरक्षित किये गये हैं | ( अनुच्छेद 330)]
2001 में संसद द्वारा पारित 84 वें संविधान संशोधन विधेयक के अनुसार लोकसभा एवं विधानसभाओं की सीटों की संख्या 2026 तक यथावत रखने का प्रावधान किया गया है |
लोकसभा के सदस्यों का चुनाव गुप्त मतदान के द्वारा व्यस्क मताधिकार (18 वर्ष) के आधार पर होता है |
61वें संविधान संशोधन (1989 ई.) के अनुसार भारत में अब 18 वर्ष की आयु प्राप्त व्यक्ति क व्यस्क माना गया है |
लोकसभा में अनुसूचित जातियों तथा अनुसूचित जन जातियों के लिए , राज्यवार जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण का प्रावधान है , किया गया है (अनुच्छेद - 330, 332)| यह प्रावधान प्रारम्भ में 10 वर्ष के लिए किया गया था , किन्तु इसे संविधान संशोधन द्वारा 10-10 वर्ष के लिए आगे बढ़ाया जाता है | वर्तमान में 95वें संविधान संशोधन (2009) द्वारा अनुच्छेद - 334 में संशोधन कर लोकसभा में अनुसूचित जातियों व् अनुसूचित जनजातियों के आरक्षण तथा आंग्ल भारतीयों को मनोनीत करने सम्बन्धी प्रावधान को 2020 तक के लिए बढ़ा दिया गया है |
सबसे अधिक मतदाता वाला लोकसभा क्षेत्र - बाहरी दिल्ली ( मतदाता - 33,68,399)
सबसे कम मतदाता वाला लोकसभा क्षेत्र - लक्षद्वीप ( मतदाता - 39,033 )
क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे बड़ा लोकसभा क्षेत्र - लद्दाख (क्षेत्रफल - 1,73,266.37 sq km)
क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे छोटा लोकसभा क्षेत्र - चांदनी चौक , दिल्ली (10.59 sq km)
लोकसभा की सदस्यता के लिए अनिवार्य योग्यताएं निम्न हैं
1. वह व्यक्ति भारत का नागरिक हो |
2. उसकी आयु 25 वर्ष या इससे अधिक हो |
3.भारत सरकार अथवा किसी राज्य सरकार के अंतर्गत वह कोई लाभ के पद पर नहीं हो |
4. वह पागल या दिवालिया न हो |
लोकसभा का अधिकतम कार्यकाल सामान्यत: 5 वर्ष का होता है मंत्रीपरिषद ,लोकसभा के प्रति सामूहिक रूप से उत्तरदायी होती है [ अनुच्छेद -75 (3)]
प्रधानमंत्री के परामर्श के आधार पर राष्ट्रपति के द्वारा लोकसभा को समय से पूर्व भी भंग किया जा सकता है ऐसा अबतक 8 बार (1970, 77 ,79,84 नवम्बर 1989,मार्च 1991 ,दिसम्बर 1977 तथा अप्रेल 1999) किया गया है
आपातकाल की ह\घोषणा लागू होने पर विधि द्वारा संसद लोकसभा के कार्यकाल में वृद्दि कर सकती है जो एक बार में एक वर्ष से अधिक नही होगी आपातकाल की उद्घोषणा समाप्त हो जाने के पश्चात उसका विस्तार किस भी दशा में 6 महीने से अधिक नहीं होगी | 1976 ई. में लोकसभा का कार्य कल दो बार एक एक वर्ष के लिए बढ़ाया गया था |
लोकसभा एवं राज्यसभा के अधिवेशन राष्ट्रपति के द्वारा ही बुलाये और स्थगित किये जाते हैं लोकसभा की दो बैठकों में 6 माह से अधिक का अंतर नहीं होना चाहिए
जब तक संसद संसद विधि द्वारा अन्यथा उपबन्ध न करे तब एक संसद के प्रत्येक सदन का अधिवेशन गठित करने के लिए गणपूर्ति सदन के सदस्यों की कुल संख्या का दसवां भाग होगी [ अनुच्छेद -100(3)]| यदि सदन के अधिवेशन में किसी समय गणपूर्ति नहीं है तो सभापति या अध्यक्ष अथवा उस रूप में कार्य करने वाले व्यक्ति का यह कर्तव्य होगा की वह सदन को स्थगित कर दे या अधिवेशन को टन तक के लिए निलम्बित कर दे जब तक गणपूर्ति नही हो जाती है [ अनुच्छेद -100(4)] लोकसभा की गणपूर्ति या कोरम कुल सदस्य संक्या का दसवां भाग (55 सदस्य ) होता है |
संविधान के अनुच्छेद -108 में संसद के संयुक्त अधिवेशन की व्यवस्था है संयुक्त अधिवेशन राष्ट्रपति के द्वारा निम्न तीन स्थितियों में बुलाया जा सकता है -विधेयक एक सदन से पारित होने के बाद जब दुसरे सदन में जाये तब यदि
1. दुसरे सदन द्वारा विधेयक अस्वीकार कर दिया गया हो
2. विधेयक पर किये जाने वाले संशोधनों के बारे में दोनों सदन अंतिम रूप से असहमत हो गये हैं
3. दुसरे सदन को विधेयक प्राप्त होने की तारीख से उसके द्वारा विधेयक पारित किये बिना 6 मास से अधिक बीत गये हों |
सदनों की संयुक्त बैठक में अधिवेशन होने के लिए आहूत करने के अपने आशय की राष्ट्रपति की सुचना के पश्चात लोकसभा का विघटन बीच में हो जाने पर भी, अनुच्छेद -108(5 ) के अधीन संयुक्त बैठक हो सकेगी और उसमे विधेयक पारित हो सकेगा |
नोट अनुच्छेद -108 द्वारा निर्धारित संयुक्त बैठक की प्रक्रिया सामान्य विधायन तक ही सीमित है धन विधेयक एवं संविधान संशोधन विधेयक पारित करने के लिए संयुक्त बैठक नही हो सकती संविधान संशोधन विधयेक दोनों सदनों में अलग अलग पारित होना चाहिए | संविधान संशोधन अनुच्छेद -368 (2) द्वारा शासित होता है |
राष्ट्रपति , राज्यसभा के सभापति और लोकसभा के अध्यक्ष से परामर्श करने के पश्चात, दोनों सदनों को संयुक्त बैठकों से सम्बन्धित और उनमे परस्पर संचार से सम्बन्धित प्रक्रिया के नियम बना सकेगा [ अनुच्छेद -118 (3)] |
संयुक्त अधिवेशन की अध्यक्षता लोकसभा के अध्यक्ष के द्वारा की जाती है [ अनु. -118 (4)] | संयुक्त बैठक से अध्यक्ष की अनुपस्थिति के दौरान सदन का उपाध्यक्ष या यदि वह भी अनुपस्थित है तो ऐसा अन्य व्यक्ति पीठासीन होगा,कप उस बैठक में उपस्थित सदस्यों द्वारा अवधारित किया जाए संयुक्त बैठक में कोई विधेयक निर्दिष्ट किया जाता है तो इस विधेयक को दोनों सदनों के उपस्थित तथा मत देने वाले सदस्यों के साधारण बहुमत से पारित किया जाता है [ अनु. -108 (4])]
संयुक्त बैठक की समस्त कार्यवाही लोकसभा के प्रक्रिया के अनुसार होती है |
संसद में लम्बित विधेयक सदनों के सत्रावसान के कारण व्यपगत यानी समाप्त नही होता है [ अनुच्छेद -107 (3)]
राज्यसभा में लम्बित विधेयक, जिसको लोकसभा ने पारित नहीं किया है लोकसभा के विघटन पर व्यपगत नहीं होता है [अनु. 107 (4)]
कोई विधेयक, जो लोकसभा में लम्बित है या जो लोकसभा द्वारा पारित कर दिया गया है और राज्य सभा में लम्बित है अनुच्छेद -108 के उपबन्धों के अधीन रहते हुए लोकसभा के विघटन पर व्यपगत हो जायेगा [अनुच्छेद -107 (5)] |
लोकसभा में एक दिन में तारांकित प्रश्नों की अधिकतम संख्या 20 होती है |
धन विधेयक के सम्बन्ध में लोकसभा का निर्णय अंतिम होता है एस सम्बन्ध में संयुक्त अधिवेशन की व्यवस्था नहीं है |
अविश्वास प्रस्ताव केवल लोकसभा में ही पुर: स्थापित किया जा सकता है अविश्वास प्रस्ताव को पारित कराने के लिए लोकसभा के सदस्यों के बहुमत की जरूरत होती है यदि अविश्ववास प्रस्ताव पारित हो जाता है तो सरकार को इस्तीफा लेना पड़ता है |
नोट : भारत के संविधान में किसी अविश्वास प्रस्ताव का कोई उल्लेख नही है |

FAQ

1.Who is the speaker of lok sabha /who is the current lok sabha speaker :- Om Birla since 19 June 2019

2.Who was the first speaker of lok sabha :- G.V. Mavalankar in June 1942

3.How are the members of lok sabha elected :-  543 + 2 (Anglo Indian)

4.Who is the head of lok sabha :- Narendra Modi since 26 May 2014 

5. The maximum strength of lok sabha is :- Maximum strength of the House is 552 members - 530 members to represent the States, 20 members to represent the Union Territories, and 2 members to be nominated by the President from the Anglo-Indian Community. At present, the strength of the House is 543.

0 Response to "लोकसभा किसे कहते हैं | what is Loksabha in Hindi"

एक टिप्पणी भेजें

Below Title Ads

In-between Ads

slide bar

Below Post Ads