तरंग गति (waves) क्या होती हैं तरंगों को कितने भागों में बांटा जाता है

 1. तरंग गति 

तरंग गति

तरंगे (Waves) : तरंगों के द्वारा ऊर्जा का एक  स्थान से दुसरे स्थान तक स्थानातरण होता है | तरंगो को मुख्यत दो भागों में बांटा जा सकता है 

1. यांत्रिक तरंगे (Machanical Waves):- 

वे तरंगे जो किसी पदार्थिक माध्यम (ठोस द्रव एवं गैस) में संचरित होती है यांत्रिक तरंगे कहलाती है |इन तरंगों के किसी माध्यम में संचरण केलिए यह आवश्यक है कि माध्यम में प्रत्यास्थता (Elasticity) व जड़त्व (Inertia)  के गुण मौजूद हों | 

यांत्रिक तरंगो के प्रकार : यह मुख्यत दो प्रकार की होती है 

a. अनुप्रस्थ तरंगे  b. अनुदैधर्य तरंगे 

a. अनुप्रस्थ तरंगे (Transverse Waves) :- 

जब किसी माध्यम में तरंग गति की दिशा माध्यम के कणों के कम्पन करने की दिशा के लम्बवत होती है तो इस प्रकार की तरंगो को अनुपस्थ तरंगे कहते है | अनुप्रस्थ तरंगे केवल ठोस माध्यम में एवं द्रव के ऊपरी सतह पर उत्पन्न की जा सकती है | द्रवों के भीतर एवं गैसों में अनुप्रस्थ तरंगे उत्पन्न नहीं की जा सकती है | अनुप्रस्थ तरंगे शीर्ष (crest) एवं गर्त (trough) के रूप में संचरित होती है |


b. अनुदैधर्य तरंग (Longitudinal Waves) :- 

जब किसी माध्यम  में तरंग गति की दिशा माध्यम के कणों की कम्पन करने की दिशा के अनुदिश या समांतर होती है तो ऐसी तरंगो को अनुदैधर्य तरंगे कहते है | अनुदैधर्य तरंगे सभी माध्यम में उत्पन्न की जा सकती है | ये तरंगे संपीडन (compression) और विरलन ( rarefaction) के रूप में संचरित होती है | संपीडन वाले स्थान पर माध्यम का दाब एवं घनत्व अधिक होता है जबकि विरलन वाले स्थान पर माध्यम का दाब एवं घनत्व कम होता है | वायु में उत्पन्न तरंगे, भूकम्प तरंगे स्प्रिंग में उत्पन्न तरंगे आदि अनुदैधर्य तरंगे होती है |


2. अयांत्रिक तरंगे या विद्युत् चुम्बकीय तरंगे (Non Mechanical Waves or Electromagnetic Waves):- 

यांत्रिक तरंगों के अतिरिक्त अन्य प्रकार की तरंगे भी होती है जिनके संचरण के लिए माध्यम की आवश्यकता नहीं होती तथा वे तरंगे निर्वात में भी संचरित हो सकती है | इन्हें अयांत्रिक या विद्युत चुम्बकीय तरंगे कहते है जैसे प्रकाश तरंगे , रेडियो तरंगे , x तरंगे आदि |


विद्युत् चुम्बकीय तरंगों में विद्युत् क्षेत्र तथा चुम्बकीय क्षेत्र परस्पर लम्बवत तलों में कम्पन करते रहते है तथा रिक्त स्थान में प्रकाश की चल से आगे बढ़ जाते है | इन क्षेत्रों के संचरण की दिशा उन तलों के लम्बवत होती है जिनमें ये स्थित होते है | इस प्रकार की दिशा उन तलों के लम्बवत होती है जिनमें ये स्थित होते है | इस प्रकार विद्युत् चुम्बकीय तरंगें सदैव अनुप्रस्थ होती है तथा इन तरंगों की चाल प्रकाश के चाल के बराबर होती है | इन तरंगों को तरंगधैर्य परिसर (wavelength range) 10^-14 मीटर से लेकर 10^4 मीटर तक होता है | कुछ प्रमुख विद्युत चुम्बकीय तरंगे सारणी में प्रदर्शित है |


प्रमुख विद्युत् चुम्बकीय तरंगे 

1. विद्युत् चुम्बकीय तरंगे :- गामा किरणें

 • खोजकर्ता :- बैकुरल

 •  तरंगदेर्य परिसर :- 10^-14 m से 10^-10m तक

 •  आवृति परिसर(Hz में) :- 10^20 से 10^18 तक

 •  उपयोग :- इसकी वेधन क्षमता अत्यधिक होती है | उपयोग - नाभिकीय अभिक्रिया तथा कृत्रिम रेडियोधर्मिता में

 2. विद्युत् चुम्बकीय तरंगे :- एक्स किरणें

 • खोजकर्ता :- रॉन्जन

 •  तरंगदेर्य परिसर :- 10^-10m से 10^-8m तक

 •  आवृति परिसर(Hz में) :- 10^18 से 10^16 तक

 •  उपयोग :- इसका उपयोग चिकित्सा एवं औद्योगिक क्षेत्र में किया जाता है |


 3. विद्युत् चुम्बकीय तरंगे :- पराबैंगनी किरणें (UV rays

 • खोजकर्ता :- रिटर

 •  तरंगदेर्य परिसर :- 10^-8m से 10^-7m तक

 •  आवृति परिसर(Hz में) :- 10^16 से 10^14 तक

 •  उपयोग :- उपयोग - सेंकाई करने, प्रकाश वैद्युत प्रभाव को उत्पन्न करने , बैक्टिरिया को नष्ट करने में |


 4. विद्युत् चुम्बकीय तरंगे :- दृश्य विकिरण (Visible radiation)

 • खोजकर्ता :- न्यूटन

 •  तरंगदेर्य परिसर :- 3.9 x 10^-7m से 7.8 x 10^-7 m तक

 •  आवृति परिसर(Hz में) :- 10^14 से 10^12 तक

 •  उपयोग :- इससे हमे वस्तुएं दिखलाई पड़ती है |


 5. विद्युत् चुम्बकीय तरंगे :- अवरक्त विकिरण (Infra - red radiation)

 • खोजकर्ता :- हर्शेल

 •  तरंगदेर्य परिसर :- 7.8 x 10^-7 m से 10^-3 तक

 •  आवृति परिसर(Hz में) :- 10^12 से 10^10 तक

 •  उपयोग :- ये किरणें ऊष्मीय विकिरण है | ये जिस वस्तु पर पड़ती है उसका ताप बढ़ जाता है | उपयोग - कुहरे में फोटोग्राफी करने में, रोगियों की सेंकाई करने में , TV के रिमोट कण्ट्रोल में

 6. विद्युत् चुम्बकीय तरंगे :- लघु रेडियों तरंगे (short radiowaves)

 • खोजकर्ता :- हेनरिक हर्ट्ज

 •  तरंगदेर्य परिसर :- 10^-3 से 1 m तक

 •  आवृति परिसर(Hz में) :- 10^10 से 10^8 तक

 •  उपयोग :- इसका उपयोग रेडियो ,टेलीविजन एवं टेलीफोन में होता है |


 7. विद्युत् चुम्बकीय तरंगे :- दीर्घ रेडियो तरंगे (long radio waves)

 • खोजकर्ता :- मारकोनी

 •  तरंगदेर्य परिसर :- 1m से 10^4m तक

 •  आवृति परिसर(Hz में) :- 10^6 से 10^4 तक

 •  उपयोग :- इस प्रकार की तरंगो का उपयोग रेडियो एवं टेलीविजन में होता है |


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