हिंदी व्याकरण भाग- I, भाषा (हिंदी भाषा की उत्पति )
गुरुवार, 23 अप्रैल 2020
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दक्षिण के मुसलमान जो हिंदी बोलते है उसका नाम दक्षिणी हिंदी है | इसके बोलनेवाले मुम्बई,बरोदा,बरार, मध्यप्रदेश , कोचीन, कुग, हैदराबाद, चेन्नई, माइसोर और ट्रावनकोर तक फैले है | इन क्षेत्रों के लोग मुझे या मुझको की जगह ‘मेरे को’ बोलते है | हिदुस्तानी #भाषा के दो रूप है | एक तो वह जो पश्चिमी हिंदी की शाखा है ,दूसरी वह जो साहित्य में काम आती है |पहली गंगा यमुना के बीच का जो भाग है उसके उत्तर में रुहेलखंड में और अम्बाला जिले के पूर्व में बोली जाती है | यह पश्चिमी हिंदी की शाखा है | यही धीरेधीरे पंजाबी में परीणत हुई |
मेरठ के आस पास और उसके कुछ उत्तर में वह भाषा अपने विशुद्ध रूप मर बोली जाती है | वहाँ उसका वही रूप है जिसके अनुसार हिंदी का व्याकरण बना है | रुहेलखण्ड में यह धीरे धीरे कन्नौजी में और अंबाले में पंजाबी में परिणत हो गई है | अर्थात् हिन्दुस्तानी और कुछ नहीं, सिर्फ ऊपरी दोआब की #स्वदेशी भाषा है | दिल्ली में मुसलमानों के सहयोग से हिंदी भाषा का विकास बहुत बढ़ा |
वर्तमान समय में इस भाषा का प्रचार इतना बढ़ गया है कि कोई प्रांत, सूबा या शहर ऐसा नहीं रह गया है जहां इसके बोलनेवाले न हों | बंगाली, मद्रासी, गुजराती, मराठी, नेपाली आदि भिन्न भाषाएँ है फिर भी ये भाषा-भाषी हिंदी को समझ लेते है | इसका व्याकरण वैज्ञानिक है | इस भाषा में संस्कृत के अलावा फ्रेंच, जापानी , बर्मी, चीनी, अंग्रेजी, पुर्तगाली आदि अनेकानेक भाषाओं के शब्दों की भरमार है | अतएव इस भाषा का फैलाव बहुत तेजी से हुआ है | यही कारण है कि आज यह राष्ट्रभाषा का दर्जा प्राप्त कर चुकी है |
स्मरणीय तथ्य
• राजस्थानी हिंदी का विकास 'अपभ्रंश' से हुआ |
• पश्चिमी हिंदी का विकास ‘शौरसेनी’ से हुआ |
• पूर्वी हिंदी का विकास ‘अर्द्धमागधी’ से हुआ |
• बिहारी हिंदी का विकास ‘मागधी’ से हुआ |
• पहाड़ी हिंदी का विकास ‘खस’ से हुआ |
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भारत की भाषा और उनके बोलने वालों का अनुपात
संख्या | भाषा प्रतिशत |
---|---|
1 | संस्कृत :- 0.01% |
2 | मैथिलि :- 0.9% |
3 | मराठी :- 7.5% |
4 | नेपाली :- 0.3% |
5 | पंजाबी :- 2.8% |
6 | संथाली :- 0.6% |
7 | मलयालम :- 3.6% |
8 | मणिपुरी :- 0.2% |
9 | असमिया :- 1.6% |
10 | ओड़िसा :- 3.4% |
11 | गुजराती :- 4.9% |
12 | कश्मीरी :- 0.5% |
13 | कन्नड़ :- 3.9% |
14 | डोगरी :- 0.2% |
15 | कोंकोणी :- 0.2% |
16 | तमिल :- 6.3% |
17 | बांग्ला :- 8.3% |
18 | सिन्धी :- 0.3% |
19 | उर्दू :- 5.2% |
20 | बोडो :- 0.1% |
21 | तेलुगु :- 7.9% |
22 | हिंदी :- 40.2% |
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